समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश अभियान में छात्र-छात्राओं से संवाद कर लिए गए सुझाव,अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत बनाये तथा कौशल सीखकर राष्ट्र निर्माण में दें योगदान-

राजेश गुप्ता संवाददाता पीलीभीत।


समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश अभियान में छात्र-छात्राओं से संवाद कर लिए गए सुझाव,अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत बनाये तथा कौशल सीखकर राष्ट्र निर्माण में दें योगदान- जिलाधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह

शताब्दी संकल्प/2047 के तहत समर्थ उत्तर प्रदेश- विकसित उत्तर प्रदेश/2047 अभियान का आज द्वितीय दिन रामलुभाई साहनी राजकीय महिला महाविद्यालय एवं राजकीय आयुवैदिक मेडिकल काॅलेज सभागार में छात्रों से संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।आयोजित कार्यक्रम में मण्डलायुक्त बरेली मण्डल बरेली सौम्या अग्रवाल, जिलाधिकारी ज्ञानेन्द्र सिंह, प्रो0 एम.0के0सिंह-महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय बरेली,एस0 एस0ढाका सहायक निदेशक/सह प्राध्यापक, सरदार बल्लभ भाई पटेल प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ,मुख्य विकास अधिकारी राजेन्द्र कुमार श्रीवास,नोडल अधिकारी/जिला विकास अधिकारी संजय कुमार सहित जिला स्तरीय अधिकारी,प्राचार्य राम लुभाई सहानी राजकीय महाविद्यालय,प्राचार्य पाॅलीटेक्निक,प्राचार्य राजकीय आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज,शिक्षक व छात्र-छात्राऐं आदि उपस्थित रहे।कार्यक्रम के दौरान छात्र-छात्राओं ने अपने अपने सुझाव दिये।जिसमें छात्राओं द्वारा उनके स्वास्थ व सुरक्षा से सम्बन्धित सुझाव दिये गये।महिला राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य ने कहा कि पारम्परिक कोर्स के साथ प्रोफेनशनल कोर्स विद्यालय में शुरू कराये जाए ताकि विद्यार्थी आर्थिक रूप से स्वावलंबी बन सके।उपाधि महाविद्यालय के प्राचार्य ने कहा कि शिक्षा के स्तर को और ऊपर उठाना,लघु उद्योग,औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने की आवश्यकता है उन्होंने कहा कि जनपद पीलीभीत कृषि प्रधान जिला है यहां कृषि विश्वविद्यालय की आवश्यकता है।कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना कर जनपद की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाया जा सकता है।मण्डलायुक्त ने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी ने संकल्प लिया है कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को ट्रिलियन डाॅलर बनाना है।ट्रिलियन डाॅलर इकोनाॅमी बनाने के लिए हम जिस गति से विकास कर रहे है,हमे उस गति को और तेजी से बढ़ाना होगा। सन् 2047 तक उत्तर प्रदेश को विकसित बनाने का सपना है उसके लिए विजन डाक्यूमेंट बनाया जा रहा है।विजन डाक्यूमेंट बनाने में जन सहभागिता तय की जा रही है।इसी कड़ी में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है।जिलाधिकारी ज्ञानेन्द्र सिंह ने कहा कि भारत में कभी इतनी समृद्धि थी कि उसे सोने की चिडिया कहा जाता था।भारत को पुनः समृद्ध करने के लिए विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।हम अपने देश/प्रदेश/जनपद को क्या दे सकते है, इस पर हमें चिन्तन एवं मनन करने की आवश्यकता है।उन्होंने कहा कि हम अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत बनाये तथा कौशल सीखकर राष्ट्र निर्माण में योगदान दें।उन्होंने छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के बारे में बताते हुए कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री उद्यमी योजना जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं से आर्थिक रूप से स्वावलंबी बन सकते हैं।प्रो0 एम.0के0सिंह ने कहा कि विकास एक सत्त प्रक्रिया है पिछले 08 बर्षों में जो विकास हुआ है वो परिलक्षित है।उन्होंने कहा कि 2047 तक उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था 06 ट्रिलियन डालर तक ले जाने का लक्ष्य है,लक्ष्य वृहद है परन्तु जो प्रगति हुई है उसे देखते हुये 2047 तक लक्ष्य की प्राप्ति हो जायेगी। कार्यक्रम का उद्देश्य जन सहभागिता के अन्तर्गत समाज के विभिन्न वर्गों से सुझाव लिया जाना तथा विजन डाक्यूमेंट बनाने में योगदान देना है।एस0एस0ढाका सहायक निदेशक/सह प्राध्यापक ने कहा कि सभी छात्र-छात्राऐं क्यूआर कोड स्कैन कर अपने सुझाव अवश्य दें।उन्होंने छात्र-छात्राओं से विकसित उत्तर प्रदेश के सम्बन्ध में प्रश्नोत्तर करते हुए अपने विचार रखे।राजकीय आयुर्वेदिक कालेज के छात्र-छात्राओं द्वारा अपने विचार रखे गये।जिसमें विलुप्त हो रही जड़ी बूटियों का संरक्षण,बीज बैंक, औषधियों की गुणवत्ता की जांच के लिए प्रत्येक मण्डल में एक लैब तथा अनुसंधान हेतु संसाधान उपलब्ध कराने जैसे सुझाव दिए गए है।