पांच अक्टूबर तक जनपदवासी दें समृद्ध व विकसित उ0प्र0 हेतु क्यूआर कोड स्कैन करके अपना सुझाव।

बदायूँ : - विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश, आत्म निर्भर भारत-आत्म निर्भर उत्तर प्रदेश 2047 अभियान के लिए विजन डॉक्यूमेंट 2047 बनाए जाना है। समृद्ध उत्तर प्रदेश विकसित उत्तर प्रदेश 2047 अभियान आगामी 05 अक्टूबर 2025 तक अपने सुझाव बारकोड स्कैन पर वेबसाइट ीजजचरूध्ध्ेंउंतजीनजजंतचतंकमेण्नचण्हवअण्पद पर दे सकते हैं। जन सहभागिता के साथ विजन डॉक्यूमेंट 2047 बनाया जाएगा। यह जानकारी जिलाधिकारी अवनीश राय ने दी है।

डीएम ने बताया कि समृद्ध उत्तर प्रदेश विकसित उत्तर प्रदेश के लिए सभी सकारात्मक सोच व दृढ़ विश्वास के साथ इस लक्ष्य को प्राप्त करने में अपनी भूमिका निभाएं। सभी का सहयोग अपेक्षित है। समृद्ध उत्तर प्रदेश विकसित उत्तर प्रदेश 2047 कैसा हो, जनपद बदायूं 2047 में कैसा हो, इसके लिए उन्होंने जनपद वासियों से अपील की कि वह बारकोड स्कैन कर अपने सुझाव अवश्य दें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत पर बारकोड चस्पा किया जाएगा ताकि ग्रामीण भी अपने सुझाव इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए दे सकें।

डीएम ने बताया कि समृद्ध उत्तर प्रदेश, विकसित उत्तर प्रदेश 2047 अभियान के लिए 12 चिन्हित सेक्टर बनाए गए हैं, जिनमें कृषि एवं संबद्ध सेक्टर, पशुधन संरक्षण सेक्टर, औद्योगिक विकास सेक्टर, आईटी एवं इमर्जिंग टेक्नॉलॉजी सेक्टर, पर्यटन सेक्टर, नगर एवं ग्राम्य विकास सेक्टर, अवस्थापना सेक्टर, संतुलित विकास सेक्टर, समाज कल्याण सेक्टर, स्वास्थ्य सेक्टर, शिक्षा सेक्टर, सुरक्षा एवं सुशासन सेक्टर शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि तीन प्रमुख थीम अर्थ शक्ति, सृजन शक्ति व जीवन शक्ति पर विजन डॉक्यूमेंट 2047 आधारित होगा, जोकि जनभागीदारी के साथ बनाया जाएगा। इसके लिए वर्ष 2019 से 30 तक के लिए लघु अवधि के लक्ष्य तथा वर्ष 2030 से 2047 के लिए मध्यम व दीर्घ अवधि के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि गत 08 व 09 सितम्बर को शासन स्तर से नामित प्रबुद्धजन व जनपद के नोडल अधिकारी व अन्य अधिकारियों ने लक्षित समूह जैसे उच्च शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा व बेसिक शिक्षा के अध्यापक व छात्र-छात्राओं, गैर सरकारी संगठनों(एनजीओ), स्वयं सहायता समूह की महिलाओं, उद्यमी व व्यापारी, श्रमिक संगठन, इंजीनियरिंग व मेडिकल के अध्यापक व छात्र-छात्राएं, कृषि क्षेत्र से जुड़े कृषक, कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ), कृषि वैज्ञानिक व मीडिया आदि से गोष्ठी कर सुझाव लिए हैं।

----