अधिवक्ताओं ने चंद्रशेखर आजाद की जयंती पर माल्यार्पण कर उन्हें किया नमन

कासगंज। जिला कांग्रेस कमेटी विधि विभाग के चेयरमैन सत्येंद्र पाल सिंह बैस ने आज महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की जयंती के अवसर पर अपने कार्यालय में अधिवक्ता साथियों के साथ उनके चित्र पर माल्यार्पण किया और उनके जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर मिष्ठान का वितरण भी किया गया।

चेयरमैन सत्येंद्र पाल सिंह बैस ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी थे। उनका जन्म 23 जुलाई 1906 को मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले के भाबरा गांव में पंडित सीताराम तिवारी के घर हुआ था। जब आजाद महज 15 वर्ष के थे, तभी जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ था। गांधी जी के असहयोग आंदोलन के दौरान बनारस में छात्रों के विदेशी कपड़ों की दुकानों के बाहर प्रदर्शन करने पर पुलिस ने लाठियां बरसाईं। इस दौरान आजाद ने एक दरोगा पर पत्थर फेंका, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। मजिस्ट्रेट के पूछने पर उन्होंने कहा, "मेरा नाम आजाद है, मेरे पिता का नाम स्वतंत्रता और मेरा घर जेल है।" इस पर उन्हें 15 बेतों की सजा सुनाई गई, लेकिन हर बेंत पर वे "भारत माता की जय" बोलते रहे। तभी से उनका नाम चंद्रशेखर आजाद पड़ गया।

बैस ने कहा कि आजाद ने नारा दिया था ? "मैं आजाद हूं, आजाद रहूंगा और आजाद ही मरूंगा।" ऐसे महान क्रांतिकारी को हम सब कोटि-कोटि नमन करते हैं। उनका नाम सदैव स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा।

इस अवसर पर मधुर वशिष्ठ, अमित सोलंकी, अयोध्या प्रसाद, संजय सोलंकी, यशवीर सिंह यादव, सत्यवीर सिंह, आदर्श राठौर, सत्यम शर्मा, शाहनवाज हुसैन, जतिन मौर्य, अश्वनी कुमार, आशीष चौहान, अमित कुमार यादव, शादाब सैफी, मोहम्मद यासीन, अरुण कुमार सिसोदिया, सचिन अमन भारद्वाज और आदित्य राघव सहित अन्य अधिवक्ता मौजूद रहे।