निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अभिभावकों ने जिलाधिकारी को दिया ज्ञापन, कड़ी कार्यवाही की मांग

कासगंज। जिले के अभिभावकों ने निजी स्कूलों की बेलगाम फीस वसूली के खिलाफ कमर कस ली है। किताबें, यूनिफॉर्म, फीस, फंड और डोनेशन के नाम पर हो रहे आर्थिक शोषण से त्रस्त अभिभावकों ने युवा (यूथ यूनाइटेड फॉर वैल्यूबल एक्शन) के अध्यक्ष हरवीर सिंह के नेतृत्व में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

ज्ञापन में बताया गया कि 11 अप्रैल 2025 को इस मुद्दे पर ज्ञापन सौंपकर एक विस्तृत शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसमें निजी स्कूलों की मनमानी का जिक्र किया गया था। विशेष दुकानों से महंगी किताबें और यूनिफॉर्म खरीदने का दबाव, हर साल ड्रेस डिज़ाइन बदलना, बेतहाशा फीस बढ़ोतरी, डेवलपमेंट फंड और स्मार्ट क्लास जैसे अनावश्यक शुल्क, तथा डोनेशन की अनिवार्य वसूली से अभिभावक परेशान हैं। उन्होंने मांग की थी कि एनसीईआरटी की किताबें लागू की जाएं, फीस संरचना पारदर्शी बनाई जाए, और मनमाने तरीके से पैसा वसूलने वाले स्कूलों पर कार्रवाई हो। ज्ञात रहे इसके बाद जिलाधिकारी कासगंज द्वारा निजी स्कूल संचालकों के साथ बैठक कर एक समिति का गठन भी किया गया था।

हालांकि, जिला प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से अभिभावकों का आक्रोश और बढ़ गया है। सत्र 2025-26 में भी स्कूलों ने फीस और अन्य शुल्कों के नाम पर मनमानी जारी रखी है, जिससे सैकड़ों परिवारों में नाराजगी है। अभिभावकों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने तुरंत कोई कदम नहीं उठाया, तो वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन, धरना-प्रदर्शन, जनजागरण अभियान, स्कूलों के बाहर विरोध, और यदि आवश्यक हुआ तो कानूनी लड़ाई भी लड़ेंगे। इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की निष्क्रियता पर होगी।

अभिभावकों ने जिलाधिकारी से अनुरोध किया है कि वे इस शोषणकारी प्रथा पर तुरंत रोक लगाएं और शिक्षा को व्यावसायिक हितों से बचाएं। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में गंभीरता दिखाता है या फिर उदासीन बना रहता है।

ज्ञापन देने वालों में सुधाकर सिंह यादव, विपिन कुमार बघेल, जितेंद्र सिंह, संजय सिंह, विशाल कश्यप, हरीश वार्ष्णेय, संकल्प पचौरी, नितिन कुमार सिंह, तापस सिंह और देवेंद्र सिंह आदि अभिभावक शामिल थे।