महामंडलेश्वर विधायक स्वामी प्रवक्ता नंद जनता के नायक,हक की आवाज

विधायक प्रवक्तानंद महाराज: जनता के नायक, हक की आवाज

सब हैड - बाघ को पकड़ो नहीं तो मैं अपनी विधायकी भी दाव पर लगा दूंगा- प्रवक्तानंद

लखनऊ। "जनता की सेवा मेरा धर्म, उनका हक मेरा कर्म,"- यह कहना है पीलीभीत के विधायक प्रवक्तानंद महाराज का, जिन्होंने अपने कार्यों और निडरता से जनता के दिलों में एक सच्चे जननायक की छवि बनाई है। चाहे वह गरीबों के हक की लड़ाई हो या जंगल में बाघ के खतरे से लोगों को बचाने की जिद, प्रवक्तानंद महाराज हर मोर्चे पर जनता के साथ खड़े नजर आते हैं। उनकी बेबाकी, जोश और समर्पण उन्हें एक राउडी जनहितैषी और रोल मॉडल के रूप में स्थापित करता है।

बाघ प्रकरण में निडरता की मिसाल

हाल ही में पीलीभीत के एक गाँव में एक बाघ द्वारा महिला को मारने की दुखद घटना ने पूरे क्षेत्र में दहशत फैला दी। इस घटना के बाद विधायक प्रवक्तानंद महाराज ने न केवल प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया, बल्कि खुद जंगल में उतरकर ग्रामीणों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हुए। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, बाघ को पकड़ो, नहीं तो मैं अपनी विधायकी भी दाँव पर लगा दूंगा।" उनकी इस निडरता ने न सिर्फ वन विभाग को त्वरित कार्रवाई के लिए प्रेरित किया, बल्कि ग्रामीणों के बीच उनके प्रति विश्वास को और मजबूत किया।

जनता के लिए समर्पित जीवन

प्रवक्तानंद महाराज का हर कदम जनहित को समर्पित है। शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी सुविधाओं के लिए उनके प्रयासों ने पीलीभीत के कई गाँवों की तस्वीर बदली है। क्षेत्र में स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना से लेकर सड़कों और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं को सुनिश्चित करने तक, उन्होंने हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी है। स्थानीय निवासियों का कहना है, प्रवक्तानंद जी हमारे लिए किसी मसीहा से कम नहीं। जब भी कोई मुसीबत आती है, वह सबसे पहले हमारे साथ खड़े होते हैं।

सिंघम जैसी दृढ़ता, राउडी जैसा जोश

चाहे वह भू-माफियाओं के खिलाफ मोर्चा लेना हो या अवैध अतिक्रमण हटवाना, प्रवक्तानंद महाराज की दृढ़ता किसी फिल्मी हीरो से कम नहीं। हाल ही में, जब एक स्थानीय व्यापारी ने गरीबों की जमीन हड़पने की कोशिश की, तो उन्होंने न केवल उसका विरोध किया, बल्कि प्रशासन के साथ मिलकर जमीन को वापस दिलवाया। उनकी यह निडरता और जोशीला अंदाज़ जनता को उनके प्रति और आकर्षित करता है। उनके भाषणों में वह ऊर्जा और उत्साह है, जो लोगों को प्रेरित करता है और उन्हें अपने हक के लिए लड़ने की हिम्मत देता है।

जनता की आवाज, प्रशासन की प्रेरणा

प्रवक्तानंद महाराज का मानना है कि उनकी ताकत जनता का विश्वास और प्यार है। वह कहते हैं, "मैं जनता का सेवक हूँ, और जब तक मेरे शरीर में साँस है, मैं उनके हक के लिए लड़ता रहूँगा।" बाघ प्रकरण में उनकी सक्रियता ने न केवल स्थानीय प्रशासन को त्वरित कार्रवाई के लिए मजबूर किया, बल्कि यह भी दिखाया कि वह अपनी जिम्मेदारियों को कितनी गंभीरता से लेते हैं। उनकी इस निष्ठा ने उन्हें पीलीभीत की जनता का सच्चा नायक बना दिया है।

रोल मॉडल के रूप में प्रवक्तानंद

प्रवक्तानंद महाराज सिर्फ एक विधायक नहीं, बल्कि एक विचारधारा हैं। वह नौजवानों के लिए प्रेरणा हैं, जो यह दिखाते हैं कि सच्चाई और मेहनत से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है। उनकी सादगी, निडरता और जनता के प्रति समर्पण उन्हें एक रोल मॉडल बनाता है। चाहे वह गाँव की गलियों में लोगों की समस्याएँ सुनना हो या विधानसभा में उनके हक की बात उठाना, प्रवक्तानंद महाराज हर जगह जनता के लिए सब कुछ न्योछावर करने को तैयार रहते हैं।