कलेक्टर कोरिया व जनपद पंचायत बैकुण्ठपुर के आदेश की खुली अवहेलना, पंचायत सचिवों पर क्या होगी कार्यवाही

बैकुंठपुर। जिले में कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक निर्देशों की सरेआम अनदेखी हो रही है। कलेक्टर कोरिया एवं जनपद पंचायत बैकुण्ठपुर अधिकारी द्वारा दिए गए स्पष्ट निर्देशों के बावजूद स्थानीय पंचायत सचिवों द्वारा उनके आदेशों की अवहेलना की जा रही है। यह स्थिति न केवल प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाती है, बल्कि अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर रही है।

नकल शाखा निर्धारित समय के बाद भी खुली सुत्र

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, कलेक्टर कोरिया द्वारा नकल शाखा का समय सायं 5:30 बजे तक तय किया गया है, लेकिन शुक्रवार की रात्रि 8:15 बजे तक नकल शाखा खुली मिली, जो जिला दण्डाधिकारी (कलेक्टर) के आदेशों की सीधी अवहेलना है।

नकल शाखा से गलत जानकारी पर अपर कलेक्टर से हुई मौखिक शिकायत।

ग्रामीण व शहरी क्षेत्र से पहुंच रहे लोग जमीन से संबंधित दस्तावेज की मांग की जाती है जिसके बाद नकल फॉर्म भर कर 50 रूपए की रासिद भी कटाई जाती है जिसके बाद सप्ताह भर बाद नकल शाखा से सर्टिफाई कॉपी प्रदान की जाती है वहीं बीते कुछ दिन पहले नकल शाखा में आवेदक ने 1954- 55 की मिसल की कॉपी के लिए आवेदन किया गया था लेकिन नकल शाखा में कार्यरत कर्मचारी द्वारा आवेदक को गलत ही दस्तावेज दे दी गई ऐसा कृत्य होना जिला प्रशासन की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े होते है आखिर आवेदक द्वारा मांगे गए दस्तावेज सही मिल रहे है या फिर गलत ,

सड़कों पर मवेशियों की भरमार, दुर्घटना का बना खतरा

कलेक्टर कोरिया व जनपद पंचायत बैकुण्ठपुर के निर्देशों के बावजूद सड़कों पर आवारा पशुओं का जमावड़ा लगा हुआ है। इनसे यातायात बाधित हो रहा है और आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं, इसके बाद भी संबंधित पंचायत सचिवों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।

प्रभावित क्षेत्र जहाँ आदेशों की अनदेखी हो रही:

1. नगर पालिका बैकुण्ठपुर

2. ग्राम पंचायत तलवापारा

3. ग्राम पंचायत ओडगी

4. ग्राम पंचायत आमगांव

5. ग्राम पंचायत खरवत

6. ग्राम पंचायत चेरवापारा

7. ग्राम पंचायत सरडी (स्थानीय विधायक का क्षेत्र)

इन सभी क्षेत्रों में स्पष्ट आदेशों के बावजूद आवारा मवेशियों की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है।

बड़ा सवाल: जब आदेश का पालन नहीं हो रहा, तो व्यवस्था किस भरोसे?

जब जिला कलेक्टर व जनपद अधिकारी के आदेशों की ही सरेआम अवहेलना हो रही है, तो फिर जिले की एक नगर पंचायत, दो नगर पालिका और 120 ग्राम पंचायतों में आदेशों का क्रियान्वयन कैसे और किस आधार पर होगा? यह स्थिति प्रशासन की कार्यक्षमता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है।

मांग: दोषी पंचायत सचिवों पर क्या होगी कार्यवाही?

अब जरूरत है कि जिन पंचायत सचिवों ने कलेक्टर व जनपद अधिकारी के आदेशों की अवहेलना की है, उनके विरुद्ध सख्त विभागीय व विधिक कार्यवाही की जाए, ताकि भविष्य में अधिकारीगणों के निर्देशों को गंभीरता से लिया जाए और आम जनता को राहत मिले।