हरदोई में केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ बैंक कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन, आम हड़ताल में दिखा एकजुटता का संकल्प, वक्ताओं ने लेबर कोड्स को श्रमिकों के अधिकारों पर हमला बताया

हरदोई। केंद्र सरकार की कथित जनविरोधी आर्थिक नीतियों और श्रमिक विरोधी श्रम सुधारों के खिलाफ 09 जुलाई को देशव्यापी आम हड़ताल के तहत हरदोई में बैंक कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। केनरा बैंक शाखा के बाहर विभिन्न बैंकों के कर्मचारियों ने एकत्र होकर नारेबाजी की और सरकार की नीतियों का विरोध दर्ज कराया।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि मौजूदा सरकार की नीतियाँ देश की संपत्ति को चंद उद्योगपतियों के हाथों में सौंप रही हैं, जबकि आम जनता महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक असुरक्षा से जूझ रही है। यूनियन नेताओं का कहना था कि ?ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस? के नाम पर श्रमिकों के अधिकारों को खत्म किया जा रहा है और ठेका प्रथा को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे स्थायी नौकरियों की संभावना घटती जा रही है।

प्रदर्शन में वक्ताओं ने नए लेबर कोड्स को श्रमिकों के अधिकारों पर हमला बताया और कहा कि इससे ट्रेड यूनियन, हड़ताल और काम के घंटे जैसे बुनियादी अधिकार सीमित किए जा रहे हैं। यह "यूनियन मुक्त भारत" की दिशा में सरकार का खतरनाक कदम है।

यूपी बैंक इम्प्लॉइज यूनियन की स्थानीय इकाई द्वारा आयोजित इस प्रदर्शन का नेतृत्व जिला मंत्री राकेश पाण्डेय ने किया। प्रमुख रूप से वेदप्रकाश पांडे, अजय मेहरोत्रा, कौशलेंद्र शुक्ल, अनुज सिंह, प्रिया रस्तोगी, वर्षा मेहरोत्रा, संजय मिश्रा, अनिल कुमार, संतोष यादव, सत्यप्रकाश वर्मा, धर्मसिंह, प्रमोद श्रीवास्तव, सरोज यादव, अनादि ब्रम्ह आदि उपस्थित रहे।

यूनियन प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन सिर्फ कर्मचारियों का नहीं, बल्कि देश के मेहनतकश वर्ग के हक की लड़ाई है और यह तब तक जारी रहेगा जब तक जनविरोधी नीतियों में बदलाव नहीं होता।