ख़बरें लिखकर जन जन तक पहुंचाने वाला ही रियल पत्रकार।

पत्रकारिकता और फर्जी पत्रकार का नामकरण।

अबधेश गुप्ता पत्रकार पीलीभीत।

पत्रकारिता में जिस प्रकार इससे जुड़े लोगों ने अपने ही समाज की तस्वीर दुनिया को पेश की आज उसी का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। कहते हैं कि सच्ची पत्रकारिता वही है जो वास्तविक सच से आमजनमानस को रूवरू कराए। कभी कभी नीजी स्वार्थ के चलते पत्रकार ही पत्रकारिता और पत्रकार की गलत ढंग से तस्वीर पेश करता है ताकि उसकी वाहवाही वनी रहे। जहां कुछ पत्रकारों के द्वारा जानबूझकर ऐसा किया जाता है तो वही कुछ पत्रकार अज्ञानतावश ऐसा करते हैं जिसके कारण पत्रकार के साथ एक ऐसा शब्द जोड़ा जाता है फर्जी और उसका नामकरण फर्जी पत्रकार के रूप में अपने ही लोगों के द्वारा किया जाता है। पत्रकारिता है क्या यह जाने विना ही पत्रकार का नामकरण कर दिया जाता है। भारत जैसा लोकतांत्रिक देश जिसका अपना एक मजबूत संविधान है। जिससे द्वारा पत्रकारिता और पत्रकार को पहचान मिली है।पत्रकारिता का अर्थ है ज्ञान और विचारों को समीक्षात्मक टिप्पणियों के साथ शब्द, ध्वनि तथा चित्रों के माध्यम से जन-जन तक पहुँचाना।उसके लिए कोई भी माध्यम चुना जा सकता है पूर्व समय में पत्र के माध्यम से ही पत्रकारिता होती थी तभी पत्रकारिता का पेशा करने वाले का नाम पत्रकार पड़ गया जो अखवार के माध्यम से जन-जन तक सूचना पहुचाते थे अव समय वदला तो तमाम प्लेटफार्म है जहां से जन जन तक सूचना पहुंचाने का का तमाम पत्रकार करते हैं। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19 नागरिको को छह प्रकार की स्वतंत्रता प्रदान करता है जिसमें अनु 19(1) भाषण की स्वतंत्रता तो 19(2 ) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रदान करता है जिसके माध्यम से कोई व्यक्ति अपनी सही वात कह या वोल सकता है या पत्र के माध्यम से कह सकता है या अन्य किसी भी माध्यम से वोल सकता है।इसी के द्वारा प्रेस की स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया जो कुछ शर्तो के साथ।तो इस प्रकार से पत्रकार और पत्रकारिकता का वास्तविक तथ्य है। जहां फर्जी नाम का कोई औचित्य नहीं है। हिन्दी में पत्रकार कहा जाता है जवकि अंग्रेजी भाषा में जर्नलिस्ट कहा जाता है।जिसका अर्थ है समाचार पत्र मैगजीन या किसी माध्यम से जुड़ा व्यक्ति जो चीजों को लिस्ट कर पेश करता है।