* संयम है सनातन संस्कृति की पहचान , राजेश्वरानंद *

दिल्ली 28अप्रैल:~देश के नागरिकों को आतंकवादी हमले के बाद बहुत विवेक से कार्य करने की जरूरत है यह संदेश दिया स्वामी राजेश्वरानंद जी महाराज द्वारा शाहदरा गोरख पार्क स्थित श्री राजमाता झंडेवाला मंदिर में आयोजित गोष्ठी में।

सदगुरु राजदरबार के प्रबंधक राम वोहरा ने बताया कि पहलगाम में हिंदुओं पर हुए आतंकवादी हमले के बाद उपजे हालातों पर चर्चा हेतु बुद्धिजीवी वर्ग की एक गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें सर्वप्रथम आतंकवादी हमले के मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दो मिनिट का मौन रखा गया।राष्ट्रवादी विचारधारा वाले लोगों ने भाग लेकर इन हालातों से उपजी समस्याओं के समाधान हेतु विचार व्यक्त किए।

सभा को संबोधित करते हुए स्वामी राजेश्वरानंद जी महाराज ने कहा कि "कुछ इस्लामिक जेहादी मानसिकता के आतंकवादियों द्वारा पहलगाम में चुनचुनकर हिंदुओं को टारगेट किलिंग करते हैं मौत के घाट उतार दिया जोकि किसी धर्म का नहीं बल्कि दानवी कुकृत्य का उदाहरण है। राक्षसों का एक ही धर्म होता हैं और वह होता हैं किसी तरह भी विध्वंस अराजकता द्वारा भोले भाले लोगों को पीड़ित करना। ध्यान देने वाली यह बात है कि केंद्रीय सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद जब कश्मीर घाटी में धीरे धीरे शांति स्थापित सामान्य हालातों में दिखाई दे रही है और सिर्फ भारत से ही नहीं बल्कि विश्वभर से पर्यटक कश्मीर घाटी पहुंच रहे है जिसका सीधा सीधा फायदा घाटी के मुस्लिम नागरिकों को मिलता दिखाई दे रहा है।ऐसे में साजिश के तहत पाकिस्तानी दुष्ट प्रवृति द्वारा ऐसा हमला जोकि हिंदुओं को जान ओर कश्मीर घाटी के मुस्लिम नागरिकों को आर्थिक रूप से कमजोर करके भूखे हाल बेहाल करने की गन्दी सोच है।जिससे वहां के नागरिकों को फिर से भटकाव के रास्ते पर लौटाया जा सके।

स्वामी राजेश्वरानंद जी ने आगे बोलते हुए कहा कि यह सनातन धर्म की उच्च सोच का ही परिणाम है कि इतना दुःख रोष मिश्रित क्रोध होने के बावजूद संयम धैर्य का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया कि देशभर में प्रदर्शन तो हुए लेकिन एक जगह भी कोई जोश में होश नहीं खोया गया, बल्कि शांति स्थापना की दिशा में ही कदम उठाए गए।हम सभी संगठनों के प्रतिनिधि केंद्रीय सरकार से आग्रह करते है कि शीघ्रातिशीघ्र सिर्फ इन आतातीयों को ही नहीं बल्कि इनको आश्रय देने वालों के साथ जो लोग किसी भी रूप में इनके सहयोगी सिद्ध हो उन्हें सामाजिक,आर्थिक,शारीरिक हर तरह से ऐसा दंड दिया जाए कि भविष्य में कोई ऐसा कुकृत्य करने से पहले हजार बार सोचने को मजबूर हो।

गोष्ठी के अंत में राष्ट्र गान एवं राष्ट्रीय एकता अखंडता विश्व शांति हेतु स्वकल्याण अरदास की गई।

इस गोष्ठी में महंत पुनीत गुलज़ार,विश्वास शुक्ल,अमित गर्ग,संदीप गुप्ता,योगेश गुप्ता,महंत दलीप चोपड़ा आदि ने भाग लिया।

राम वोहरा 9278199582