भाकियू (अराजनैतिक) ने किसानों की समस्याओं को लेकर जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन, समाधान न होने पर 28 अप्रैल से आंदोलन की चेतावनी

फिरोजाबाद, 11 अप्रैल 2025:भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के ज़िला अध्यक्ष कुंवर विनीत कुमार सिंह के नेतृत्व में किसानों ने जिलाधिकारी फिरोजाबाद को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें क्षेत्र के किसानों की लंबित समस्याओं को तत्काल सुलझाने की मांग की गई है। संगठन ने प्रशासन को 27 अप्रैल तक की मोहलत दी है और चेतावनी दी है कि यदि निर्धारित समय तक समाधान नहीं हुआ तो 28 अप्रैल से जिला मुख्यालय पर व्यापक धरना-प्रदर्शन और आंदोलन शुरू किया जाएगा।

ज्ञापन में प्रमुख रूप से निम्नलिखित समस्याएं और मांगें शामिल हैं:

1. बिजली आपूर्ति की समस्या:
किसानों ने मांग की है कि रात में 4 बजे से 2 बजे तक बिजली सप्लाई दी जाए ताकि सिंचाई के लिए आवश्यक बिजली मिल सके। इसके अलावा जर्जर 11000 वोल्ट की लाइनों को भी तत्काल बदला जाए।


2. फसलों का मुआवजा:
किसानों ने मांग की है कि खराब ट्रांसफॉर्मर और बिजली आपूर्ति की वजह से जिनकी फसलें बर्बाद हुई हैं, उन्हें 100% मुआवजा दिया जाए।


3. अवैध बिजली बिल:
ग्राम पंचायत स्तर पर बिजली विभाग द्वारा जो अवैध रूप से बिल भेजे जा रहे हैं, उन्हें तत्काल रद्द किया जाए।


4. नहर एवं राजवाहों की सफाई:
किसानों ने बताया कि खेतों तक सिंचाई का पानी नहीं पहुंच पा रहा है क्योंकि नहरें और राजवाहें पूरी तरह जाम हैं। इनकी तत्काल सफाई की मांग की गई है।


5. पेयजल संकट:
गांवों में पेयजल की गंभीर समस्या है। हैंडपंप खराब हैं और नल योजनाएं निष्क्रिय हैं। गर्मी में यह संकट और भी गंभीर होता जा रहा है।


6. खराब ट्रांसफॉर्मर:
जिन ट्रांसफॉर्मरों की मरम्मत नहीं हुई है, उन्हें तुरंत दुरुस्त किया जाए और गांवों में ट्रांसफॉर्मर की संख्या बढ़ाई जाए।


7. पंचायती कार्यों का भुगतान:
मनरेगा और अन्य योजनाओं के तहत काम कर रहे मजदूरों को समय से भुगतान नहीं मिल रहा है। 90% ग्राम पंचायतों में यह समस्या बनी हुई है।


8. सड़क व आवागमन की समस्या:
किसानों ने बताया कि गांवों को जोड़ने वाली सड़कें बेहद जर्जर हैं और आवागमन में कठिनाई हो रही है। उन्हें तुरंत दुरुस्त किया जाए।


9. पशुचिकित्सा एवं किसानों के लिए दवाइयों की उपलब्धता:
पशुओं के इलाज के लिए दवाएं और डॉक्टर समय से उपलब्ध नहीं होते जिससे पशुपालकों को भारी नुकसान होता है।


10. डीजल पर सब्सिडी की मांग:
सिंचाई के लिए डीजल पर अनुदान की व्यवस्था की जाए ताकि जिनके पास बिजली नहीं है वे भी फसल बचा सकें।


11. विकास खंड कार्यालय की कार्यशैली:
किसानों ने विकास खंड कार्यालय पर भी आरोप लगाए कि किसानों से जुड़ी योजनाओं में लापरवाही और भ्रष्टाचार व्याप्त है।


12. समस्याओं के स्थायी समाधान की मांग:
किसानों ने प्रशासन से अपील की है कि वे सिर्फ कागजी कार्यवाही न करें, बल्कि इन समस्याओं का जमीनी समाधान सुनिश्चित करें।

आंदोलन की चेतावनी:
ज्ञापन में यह स्पष्ट किया गया है कि यदि 27 अप्रैल तक उपरोक्त समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो 28 अप्रैल से ज़िला मुख्यालय पर किसान मजबूरन आंदोलन करेंगे।

ज्ञापन पर विनीत कुमार सिंह (जिलाध्यक्ष) के हस्ताक्षर हैं और इसे संगठन के पदाधिकारियों व किसानों की उपस्थिति में सौंपा गया।