नगर पालिका परिषद नेता प्रतिपक्ष सहित पार्षदों ने किया नपा के मनमानी कार्यों का विरोध

बैकुंठपुर। नगर पालिका परिषद की बैठक में पार्षदों ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए, लेकिन जब कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला तो नेता प्रतिपक्ष अन्नपूर्णा प्रभाकर सिंह के नेतृत्व में बैठक का बहिष्कार कर दिया गया विपक्षी पार्षदों ने नगर प्रशासन पर जनता के पैसे के दुरुपयोग, पक्षपातपूर्ण रवैये और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए नगर पालिका परिषद कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया।

जनता के पैसे से बंदरबांट नहीं चलेगा! ? पार्षदों का हमला

नेता प्रतिपक्ष अन्नपूर्णा प्रभाकर सिंह ने कहा,

"नगर पालिका केवल सत्ता पक्ष के वार्डों में काम कर रही है, बाकी पूरे शहर को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। विकास कार्य सिर्फ चहेतों के इलाकों में हो रहे हैं, आम जनता की बुनियादी समस्याओं की कोई सुनवाई नहीं है। आखिर नगर निधि का पैसा जा कहां रहा है?"

जब भी वार्ड में विकास की बात करिए तो बोल देते हे हमारे पास फंड नहीं है

उन्होंने पूछा: क्यों सफाई व्यवस्था बदहाल है? कूड़ा-कचरा हर गली में फैला है!

क्यों शहर की सड़कें गड्ढों में तब्दील हो गई हैं? मरम्मत के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है!

क्यों स्ट्रीट लाइट महीनों से बंद हैं? रात होते ही शहर अंधेरे में डूब जाता है!

क्यों पेयजल संकट बना हुआ है? लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं!

क्यों मच्छरों का आतंक बढ़ता जा रहा है? दवा छिड़काव केवल कागजों में हो रहा है!

क्यों जरूरी मशीनें (लिफ्टर, पेड़ काटने की मशीन, खरपतवार काटने की मशीन) खराब पड़ी हैं

पार्षदों ने उठाए सवाल, लेकिन प्रशासन के पास कोई जवाब नहीं!

बैठक के दौरान जब पार्षदों ने नगर प्रशासन से जवाब मांगा तो नगर पालिका अध्यक्ष सीएमओ अधिकारी गोलमोल जवाब देने लगे। जब सवालों से बचने की कोशिश की गई, तो पार्षदों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया और नगर पालिका परिषद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

पार्षद संजय जायसवाल ने कहा,

टैक्स पर तीखा सवाल।

5 लाख के तालाब पर 30 लाख रुपए का सौंदर्यकरण क्या सही है।

पार्षद मनीष सिंह ने सीधा सवाल किया।

क्या शहर के ​​​गिने चुने वार्ड में कार्य किया जाएगा ?

परिषद के पहले एजेंडे में कहा गया था वार्ड में एक कर्मचारी मिलेगा जो नहीं मिला क्यों?

​​जल आवर्धन में 35 करोड़ रुपए पारित हुए जिसमें 24 करोड़ रुपए आए उसमे22 करोड़ रुपए भुगतान होने पर प्रश्न चिन्ह उढ़ाया ।

इसी प्रकार अन्य प्रश्नों का किया बौछार।

पार्षद बाबी सिंह ने कहा,

"नगर पालिका में केवल सत्ता पक्ष के लोगों को फायदा पहुंचाने का काम हो रहा है। क्या बाकी जनता का कोई हक नहीं?"

पार्षद अंकित गुप्ता ने कहा,

सफाई पर उढ़ाया गया चिंताजनक सवाल।

पार्षद धीरू शिवहरे ने नगर प्रशासन पर तीखा हमला करते हुए कहा,

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नेता प्रतिपक्ष अन्नपूर्णा प्रभाकर सिंह ने कहा,

"हम जनता के पैसे की बर्बादी नहीं होने देंगे। प्रशासन को पारदर्शिता लानी होगी, वरना जनता खुद इसका जवाब देगी!"

अब सवाल यह है ? क्या नगर पालिका प्रशासन जागेगा?

या फिर जनता खुद सिखाएगी सबक? सभी पार्षदों ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो विरोध और तेज होगा!