महाकुंभ 2025 के दौरान उत्तर मध्य रेलवे के चिकित्सा विभाग ने उपलब्ध कराई 3 लाख से अधिक यात्रियों को चिकित्सकीय सहायता

महाकुंभ 2025 के दौरान उत्तर मध्य रेलवे के चिकित्सा विभाग ने उपलब्ध कराई 3 लाख से अधिक यात्रियों को चिकित्सकीय सहायता

इस दौरान रेलवे स्टेशनों पर बनाए गए ऑबज़र्वेशन रूमों और प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों द्वारा श्रद्धालुओं को चिकित्सकीय सहायता प्रदान की गई।

विभिन्न स्टेशनों के ऑब्ज़र्वेशन रूमों में 20,000 से अधिक गंभीर मरीजों को सहायता दी गई।

महाकुंभ 2025 एक विशाल धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन के तौर पर मनाया गया, जहां करोड़ों लोग एकत्रित हुए। जिसमें कई करोड़ लोगों ने अपनी यात्रा रेलवे से की। इस दौरान भारतीय रेल के स्वास्थ्य विभाग ने भी अपना उल्लेखनीय योगदान किया। ऐसे में रेलवे के चिकित्सकों ने 5 दिन अनवरत अपनी सेवा 24*7 देकर किसी भी अनहोनी से बचाया। महाकुंभ 2025 के दौरान उत्तर मध्य रेलवे के चिकित्सा विभाग ने 3 लाख से अधिक यात्रियों को चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराई। इस दौरान रेलवे स्टेशनों पर बनाए गए ऑबज़र्वेशन रूमों और प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों द्वारा श्रद्धालुओं को चिकित्सकीय सहायता प्रदान की गई। विभिन्न स्टेशनों के ऑब्ज़र्वेशन रूमों में 20,000 से अधिक यात्रियों को सहायता दी गई की गई और इनमें से केवल 394 को ही आगे की सहायता के लिए उच्च केंद्रों को भेजा गया।

स्वास्थ्य व्यवस्था के दृष्टिगत 06 प्रमुख स्नान पर्वों पर आवश्यकता के अनुरूप भारतीय रेल के विभिन्न ज़ोनों से 220 चिकित्सक एवं 170 पैरा मेडिकल स्टाफ को बुलाकर तैनात किया गया था और इनके द्वारा ही 04 ऑबज़र्वेशन रूमों और 30 प्राथमिक चिकित्सा बूथों को स्नान पर्वों पर मैं किया गया। इस दौरान उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एस एम शर्मा डॉ आशीष अग्रवाल अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और डॉ परवेज़ अहमद वरिष्ठ मंडल चिकित्सा अधिकारी द्वारा पूरी गतिविधियों को मॉनीटर करते हुए पूरी व्यवस्था का निर्देशन किया गया। महाकुंभ के दौरान रेलवे डॉक्टर, विशेष रूप से रात में ड्यूटी में रहे और आपातकालीन स्थिति में त्वरित चिकित्सा सेवा प्रदान करते रहे। इनके द्वारा नियुक्त एक ऑब्जर्वेशन रूम जो कि सिटी साइड में बनाया गया और आपातकालीन चिकित्सा बूथों में यात्रियों के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए प्रत्येक प्लेटफार्म में बनाए गए।

इसके अतिरिक्त गैर स्नान पर्वों पर भी इस बार महाकुंभ अवधि में आशातिरेक श्रद्धालुओं के आगमन से बाहर के चिकित्सकों की अनुपलब्धता की स्थिति में डॉ आशीष अग्रवाल अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और डॉ परवेज़ अहमद वरिष्ठ मंडल चिकित्सा अधिकारी ने मॉनिटरिंग के साथ ही ऑबज़र्वेशन रूमों की व्यक्तिगत रूप से मैंनिग भी की। उन्होंने लगातार दिन और रात्रि ड्यूटी करके यात्रियों और श्रद्धालुओं का इलाज किया, वे सेवा और समर्पण का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। आशीष अग्रवाल और डा परवेज़ ना केवल मरीजों का इलाज करने तक सीमित नहीं रहे। इन्होने यात्रियों की स्वास्थ्य चिंता का भी ध्यान रखते हुए स्टेशन पर साफ सफाई, सेनिटेशन, मच्छर रोधी दवाइयों के छिड़काव इत्यादि का भी पूरा इंतेज़ाम बखूबी निभाया। यात्रा के दौरान थकान, तनाव और अन्य समस्याएं आम हैं। उनका सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण यात्रियों को सुकून देता था। इनकी सेंट जान एम्बुलेंस ब्रिगेड की टीम ने भी बखूबी साथ दिया, जिन्होंने अनवरत मरीजों को इंस्टेंट प्राथमिक चिकित्सा और सीपीआर देकर कइयों को गोल्डेन पीरियड में ही चिकित्सा कक्ष में पहुंचा कर उनके जीवन को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

महाकुंभ 2025 में, इन रेलवे डॉक्टर्स जिन्होंने लगातार दिन और रात की शिफ्ट में कार्य किया, वे सच्चे नायक बने। उनका समर्पण और सेवा भावना उन्हें विशिष्ट बनाती है।इन्होंने न केवल चिकित्सा सेवा प्रदान किया बल्कि लाखों यात्रियों और श्रद्धालुओं की यात्रा को सुरक्षित और स्वास्थ्यकर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका कार्य निश्चित रूप से समाज में स्वास्थ्य सेवा के प्रति एक नई दृष्टि और आदर्श स्थापित करेगा। यही कारण है कि ऐसे डॉक्टरों का योगदान समाज में न केवल स्वास्थ्य के क्षेत्र में, बल्कि मानवता के प्रति उनकी संवेदनशीलता के लिए भी सराहा जाएगा।