84 कोसी परिक्रमा का तीसरा पड़ाव पहुंचा नगवा,कोथावां, सांसद व विधायक ने साधु संतों को माला पहनाकर किया स्वागत

बेनीगंज/हरदोई।इतिहासिक 84 कोसी परिक्रमा अमावस्या के दिन ब्रम्ह मुहूर्त से डंका, घंटा, घड़ियाल और शंख ध्वनि की अनुगूंज वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कोरौना सीतापुर से होते हुए हरदोई जनपद में प्रवेश कर द्वितीय पड़ाव हरैया से तीसरा पड़ाव कोथावां पहुंच गया है। इस दौरान साधु संत श्रद्धालु जगह-जगह बागों व सड़कों के किनारे बने रैन बसेरों में ठहरे हुए हैं, अपनी भक्ति आराधना में लीन है। इस दौरान सांसद अशोक रावत व क्षेत्रीय विधायक रामपाल वर्मा ने पड़ाव में आए सभी साधु सन्तों व श्रद्धालुओं को माला पहनाकर स्वागत किया। इस दौरान सांसद व विधायक ने भण्डारा कार्यक्रम आयोजन किया है। जिससे कोई भी व्यक्ति भूख न रहें। आसपास व दूसरे राज्यों सैकड़ो किलोमीटर दूर से आए लोग साधु संतों का दर्शन कर रहे हैं, महिलाएं खाना बना रही हैं। मेले का दृश्य काफी मनमोहक हैं। परिक्रमा पड़ाव पर जहां तक निगाह जाती आस्था का सैलाब हिलोरें मारता नजर आया। देश-विदेश के साधु-संत व श्रद्धालु परिक्रमा करने पहुंचे हैं। ढ़ोल-मंजीरे की करतल ध्वनि के मध्य भजनों पर झूमते श्रद्धालु और बोल कड़ाकड़ सीताराम का जयघोष कोथावां का वातावरण में भक्ति रस घोलता रहा। मोक्ष व पुण्य की कामना से साधु-संत, बच्चे, युवा, बुजुर्ग, महिलाएं और दिव्यांग बड़े उत्साह से धर्म यात्रा कर रहे हैं। सतयुग से चली आ रही इस परिक्रमा का तीसरा पड़ाव हैं। इस मेले में स्वास्थ्य विभाग का कैंप, राजस्व विभाग की टीम व नगर पंचायत की टीम पूरी तरह से मुस्तैद रही। कानून व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त बनाए रखने हेतु तेज तर्रार ईमानदार पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन ने मेले का भ्रमण किया। इस बीच मेले के सचिव महंत श्री संतोष दास खाकी ने कहा इसमें विभिन्न संस्कृतियों का मिलन होता है। संसारिक माया मोह छोड़कर पदयात्रा कर पड़ाव बागों व खुले आसमान, टेंट में निवास कर जीवन जीने का संदेश देते हैं। इस परिक्रमा का महत्व फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को सिद्धिविनायक की पूजा अर्चना कर प्रारंभ होती है। इसके करने से संपूर्ण तीर्थों का फल प्राप्त होता है। मानव 84 लाख योनियों के बंधन से मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त होता है।

बुद्धसेन सोनी

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