रेल बजट : उत्तर प्रदेश की प्रगति का पर्याय

भारतीय रेल केवल पटरियों पर दौड़ने वाली ट्रेन भर नहीं, बल्कि देश के विकास की रीढ़ है, जो हर नागरिक की आकांक्षाओं को गति देती है। रेल न केवल शहरों और गांवों को जोड़ती है, बल्कि उद्योग, व्यापार और पर्यटन को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रेलवे का यह सफर और तेज, सुरक्षित और आधुनिक हुआ है। उत्तर प्रदेश, जो देश का सबसे बड़ा राज्य है, रेलवे विकास की इस परिवर्तनकारी यात्रा में सबसे आगे खड़ा है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के कुशल मार्गदर्शन में प्रदेश को ऐतिहासिक निवेश और नई परियोजनाओं का लाभ मिल रहा है, जिससे रेलवे का बुनियादी ढांचा पहले से कहीं अधिक सशक्त हो रहा है। आधुनिक तकनीकों, हाई-स्पीड ट्रेनों और विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशनों के निर्माण से उत्तर प्रदेश का रेलवे नेटवर्क अब देश की नई प्रगति का पर्याय बन रहा है।उत्तर प्रदेश, जो भारतीय रेलवे के सबसे महत्वपूर्ण राज्य के रूप में उभर रहा है, वहां अब यह यात्रा एक अभूतपूर्व गति पकड़ रही है। राज्य की रेलवे नेटवर्क को नई रफ्तार देने के लिए वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 19,858 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जो उत्तर प्रदेश के रेलवे इंजन को एक नई दिशा और शक्ति देगा। यह बजट राज्य के रेलवे ढांचे में तेज़ी से सुधार लाएगा, और नई तकनीकी नवाचारों के माध्यम से उत्तर प्रदेश को न केवल भारतीय रेलवे का बल्कि देश के विकास का एक मजबूत गढ़ बनाएगा।केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में उत्तर प्रदेश को रेलवे के लिए जो बजट आवंटित किया है, वह 2009-14 के दौरान औसतन 1,109 करोड़ रुपये से 18 गुना अधिक है। । इस बजट का उद्देश्य नए स्टेशन, नए ट्रैक, ट्रैक मल्टी ट्रैकिंग और अन्य प्रमुख परियोजनाओं के माध्यम से राज्य की रेल नेटवर्क को सशक्त बनाना है। मंत्री ने डबल इंजन सरकार की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में रेलवे के विकास में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की साझा कोशिशों का बड़ा योगदान रहा है।उत्तर प्रदेश में रेलवे के बुनियादी ढांचे में जिस गति से बदलाव हो रहा है, वह एक नयी दिशा और रफ्तार को दर्शाता है। राज्य में 2014 से अब तक रेलवे के क्षेत्र में जो अभूतपूर्व विकास हुआ है, वह प्रदेश के समग्र विकास की तस्वीर को स्पष्ट रूप से दिखाता है।अब तक उत्तर प्रदेश में 5,209 किलोमीटर नए रेल ट्रैक का निर्माण किया गया है, जो स्विट्जरलैंड के पूरे रेल नेटवर्क के बराबर है। इसके साथ ही 6,064 किलोमीटर ट्रैक को विद्युत रूप से सुसज्जित किया गया है, जिससे उत्तर प्रदेश अब 100% विद्युतीकृत हो चुका है। केंद्रीय रेल मंत्री द्वारा बताया गया कि उत्तर प्रदेश में 1,04,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा, जिसके तहत कई बड़े प्रोजेक्ट जैसे अमृत स्टेशन, नए रेलवे ट्रैक बिछाने और अन्य परियोजनाओं को लागू किया जाएगा।वर्ष 2009-14 के दौरान उत्तर प्रदेश में औसतन 199 किलोमीटर नए रेल ट्रैक का निर्माण हुआ करता था, लेकिन अब, 2014-25 के दौरान, यह आंकड़ा बढ़कर प्रति वर्ष 474 किलोमीटर तक पहुँच चुका है। इसी तरह, 2009-14 के बीच औसतन 193 किलोमीटर रेल विद्युतीकरण हुआ था, जो अब बढ़कर 551 किलोमीटर (2.8 गुना) हो चुका है। यह वृद्धि न केवल उत्तर प्रदेश के रेल नेटवर्क के विस्तार को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि केंद्र और राज्य सरकार की समन्वित प्रयासों से रेलवे क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास हो रहा है।इसके अलावा, 70 नई परियोजनाओं के तहत 5,958 किलोमीटर रेल ट्रैक बिछाए जा रहे हैं, जिनकी अनुमानित लागत 96,283 करोड़ रुपये है। ये परियोजनाएं राज्य में रेलवे को और सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। इसके साथ ही, 157 अमृत स्टेशन 7,695 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे हैं, जो यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करेंगे।उत्तर प्रदेश के रेलवे सुरक्षा को लेकर भी एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। राज्य में कुल 4,876 किलोमीटर ट्रैक पर कवच प्रणाली (सुरक्षा प्रणाली) लगाने का काम तेजी से चल रहा है, जिससे भविष्य में किसी भी प्रकार की रेलवे दुर्घटना से बचाव सुनिश्चित होगा। इस परियोजना के तहत 2,043 किलोमीटर पर कार्य प्रगति पर है। साथ ही, राज्य में 1,568 रेलवे फ्लाईओवर और अंडरब्रिज का निर्माण 2014 के बाद किया गया है, जिससे यातायात में तेजी आई है। यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए अब तक 120 लिफ्ट, 130 एस्केलेटर और 771 स्टेशनों पर वाईफाई सुविधा दी जा चुकी है।वर्तमान में, उत्तर प्रदेश में 14 वंदे भारत ट्रेनें 20 जिलों में 25 यूनिक स्टॉपेज के साथ चल रही हैं। इसके अलावा, 1 अमृत भारत एक्सप्रेस (दरभंगा ? आनंद विहार टर्मिनल) भी प्रदेश में 10 जिलों और 10 यूनिक स्टॉपेज के साथ यात्रियों को सेवाएं दे रही है। इन सभी पहलुओं से यह साफ़ है कि उत्तर प्रदेश में रेलवे का विकास न केवल यात्रा की सुविधाओं को बढ़ा रहा है, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा दे रहा है।यह बजट उत्तर प्रदेश के लिए एक मजबूत इंजन की तरह काम करेगा, जो भविष्य में रेलवे के ढांचे को तेज़ी से और सुरक्षित रूप से दौड़ाएगा। इस विकास से न केवल रेलवे कनेक्टिविटी को नया आकार मिलेगा, बल्कि उत्तर प्रदेश का समग्र विकास और भी गति पकड़ेगा। जैसे एक मजबूत रेल मार्ग किसी भी ट्रेन को तेज़ी से गंतव्य तक पहुंचाता है, वैसे ही उत्तर प्रदेश रेलवे की यह प्रगति राज्य को समृद्धि की नई मंजिल तक पहुंचाएगी।उत्तर प्रदेश का रेलवे नेटवर्क अब मात्र एक यातायात साधन नहीं, बल्कि राज्य की समृद्धि का पर्याय बन चुकी है। इस बजट के साथ, उत्तर प्रदेश में रेलवे अब न केवल अपने ट्रैक और स्टेशन को सशक्त बना रही है, बल्कि प्रदेश यात्रियों की उम्मीदों और विश्वास की नई रेल पर सवार होने जा रहा है। यह यात्रा किसी मंजिल का नाम नहीं है, बल्कि यह सफर है जो अनंत संभावनाओं की ओर बढ़ रहा है।