टाइगर रिजर्व पीलीभीत में मानव वन्य जीव संघर्ष निवारण हेतु डॉक्टर्स के संवेदीकरण कार्यशाला का किया गया आयोजन। पीलीभीत बाघों के लिए जाना जाता है/भरत कुमार डी,प्रभागीय निदेशक

राजेश गुप्ता संवाददाता पीलीभीत।


टाइगर रिजर्व पीलीभीत में मानव वन्य जीव संघर्ष निवारण हेतु डॉक्टर्स के संवेदीकरण कार्यशाला का किया गया आयोजन।
पीलीभीत बाघों के लिए जाना जाता है/भरत कुमार डी,प्रभागीय निदेशक


पीलीभीत टाइगर रिजर्व में, मानव वन्य जीव संघर्ष निवारण हेतु डॉक्टरस के संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन प्रभागीय निदेशक भरत कुमार डी वन एवं वन्य जीव प्रभाग की अध्यक्षता में किया गया।प्रभागीय निदेशक ने कहा की पीलीभीत बाघों के लिए जाना जाता है।हर्ष का विषय है परंतु इसके साथ-साथ चुनौतियां भी आती है सभी विभाग समन्वय करके मानव वन्यजीव संघर्ष को कम किया जा सकता है।
कार्यक्रम में वरिष्ठ परियोजना अधिकारी नरेश कुमार डब्ल्यू डब्ल्यू एफ, मानव जीवन में वन और वन्य जीव की उपयोगिता, पीलीभीत टाइगर रिजर्व रिजर्व द्वारा किए जा रहे कार्यों तथा घायल के उपचार, मुआवजा में डाक्टरस की भूमिका पर प्रकाश डाला।आप ने मुआबजा शासनादेश के पालन में चिकित्सीय रिपोर्ट के महत्व से अवगत कराया। एक बेहतर समन्वय से वन्यजीवो से प्रभावित परिवारों को बेहतर मुआवजा दिलाया जा सकता है।कार्यक्रम को उप प्रभगीये वनाधिकारीअंजनी कुमार,परियोजना अधिकारी देवल कदम ने भी संबोधित किया।कार्यक्रमम डा परवेस सीएचसी वरखेड़ा, डा0 तरुण शर्मा जिला चिकित्सालय, डॉ वर्षा सक्सैना न्योरिया, डॉ अश्वनी कुमार, डॉक्टर लवलेश अग्रवाल चिकित्सा महाविद्यालय पीलीभीत। डॉ चंदन सिंह बीसलपुर डॉ शरीफ हसन जहानाबाद। वन क्षेत्राधिकार विनीत प्रकाश श्रीवास्तव उप क्षेत्रीय अधिकारी शेर सिंह, वन दरोगा नवीन सिंह बोरा, सोनी सिंह,राहुल कुमार ने कार्यशाला में प्रतिभाग किया है।