आरोप:कागारौल एस बी आई बैंक में ग्राहको पर अवैध वसूली के लिए दबाब व अभद्रता

आगरा,कागारौल स्थित SBI बैंक में कार्यरत दीप्ति सिंघल पर एक ग्राहक ने सिग्नेचर वेरिफिकेशन के लिए 500 रुपये की मांग करने का आरोप लगाया है , तथा ग्राहक ने सबूत के तौर पर उस फार्म की कापी साझा की है , दिनांक 21 जनवरी को जब ग्राहक मनीष सिग्नेचर वैरिफिकेशन के लिए गये तो दीप्ति सिंघल ने 500 रूपये की मांग की जब इस सन्दर्भ में बैंक मैनेजर पवन वीर सिंह से शिकायत की तो एक पेज पर सिग्नेचर कर दिये तथा दूसरे पेज पर सिग्नेचर करने के लिए 500 रुपये की मांग की तथा मनीष को बैंक से वापस कर दिया ,कल दिनांक 22 जनवरी को जब मनीष के भाई रजत रावत बैंक जाकर दीप्ति सिंघल से मिले तो उन्होंने रजत रावत से भी 500 रु. की मांग की तथा बैंक मैनेजर छुट्टी पर होने के कारण रजत वापस आ गया तथा जब आज सुबह फिर से रजत रावत बैंक गये और मैनेजर से मिलकर पूरी बात बताई तो मैनेजर ने दीप्ति सिंघल को वेरिफिकेशन पूरी करने को कहा , लेकिन जब रजत दीप्ति की टेबल पर पहुचा तो दीप्ति ने अभद्रता की और गाली गलौज करने लगी तब दोबारा मैनेजर से शिकायत करने पर मैनेजर ने दीप्ति को अपने आफिस में बुलाया किन्तु दीप्ति ने वहां आकर भी रजत से अभद्रता की और वेरिफिकेशन करने से साफ इंकार करते हुए मैनेजर के कैबिन से बाहर आ गयी तब ब्रांच मैनेजर परम वीर सिंह ने फार्म के दूसरे पेज को आज दो दिन स्वंय बाद वेरिफाई किया । रजत रावत द्वारा लगाए आरोंपो हटा कर भी देखा जाये तो भी विषय यह भी है कि एक फार्म का एक पेज 21 जनवरी को वेरीफाई होता है और उसी फार्म के दूसरे पेज को वेरिफाई होने में दो दिन क्यूं लगे और पहले पेज को कर्मचारी दीप्ति तथा दूसरे पेज को दो दिन बाद दीप्ति की जगह खुद ब्रांच मैनेजर को क्यू सिग्नेचर कर वेरिफाई करना पडा , सवाल यह है कि सरकारी बैंक कर्मचारी का ग्राहक के साथ इस तरह का व्यवहार करना क्या सरकार के बनाये नियमों की धज्जियां उडा स्वंय के निजी फायदे के लिए सरकारी नौकरी का रौब दिखाने वाले कर्मचारियों के ऊपर कोई कार्यवाही होगी या सिर्फ ग्राहकों को परेशान करने के लिए फिर से इस घटना को दबा दिया जायेगा ।।