वाहन पलटने से खुली सागौन तस्करी की पोल..!

उमरिया से सतना और मंडला तक जुड़ा तस्करी का नेटवर्क..!

पेड़ों की अवैध कटाई से घट रहा जंगल का दायरा

उमरिया जिले में पेड़ों की अवैध कटाई से जंगल का दायरा लगातार घट रहा है। तस्करों के बेख़ौफ़ अवैध कटाई से जंगल समाप्त हो रहा है, और जिम्मेदार चैन की सांस लेते हुए बेसुध हैं, तो वहीं कई जिम्मेदारों की भूमिका भी संदिग्ध प्रतीत हो रही है। ऐसे में सरकार का जंगल संरक्षण एक जुमला साबित हो रहा है।

उमरिया। सागौन की तस्करी वन विकास निगम के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रही है। भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे अफसर तस्करों के आगे नतमस्तक हैं, और यही वजह है कि जंगल विनाश की ओर अग्रसर है। सूत्र बताते हैं, कि संभागीय प्रबंधक कुर्सी से चिपके रहते हैं, और बीटों के निरीक्षण के नाम पर महज खानापूर्ति कर डीजल खपा रहे हैं। ऐसे में जंगल की सुरक्षा व्यवस्था सवालों के घेरे में है। बीते दिन सागौन की तस्करी व्यापक पैमाने पर चलने का प्रमाण वाहन के पलटने से खुली पोल ने हकीकत बयां कर दी। सूत्र बताते हैं की उमरिया जिले से लकड़ी की सतना और डिंडोरी जिले में तस्करी होती है। जिससे अंदेशा जताया जा रहा है कि शायद उक्त सागौन की सिल्लियां मंडला जिले या फिर सतना जा रही होगी, लेकिन वाहन के पलटने से पूरा खेल बिगड़ गया। ऐसे में वन विभाग की कार्यवाही सवालों के घेरे में हैं। विशेष रूप से वन विकास निगम में सागौन के जंगलों की अंधाधुंध कटाई की ख़बरें हैं, जिन्हें रोक पाने में निगम का अमला फिसड्डी साबित हो रहा है।

यह है मामला :

सूत्रों के मुताबिक कोई सतना का शर्मा नामक एक बड़ा सागौन तस्कर है, जो कि लंबे अर्से से निगम की खाकी के संरक्षण में फलफूल रहा है। बीते दिन हर्रवाह-चंदिया क्षेत्र अंतर्गत वन विकास निगम के जंगल से 49 नग इमारती सागौन 3.32 घनमीटर लकड़ी एक मेटाडोर वाहन में ले जाया जा रहा था। वाहन अचानक से हर्रवाह-चंदिया रेंज के मध्य पलट गया। जैसे ही वाहन पलटने की भनक विभागीय अमले को लगी, निगमकर्मी सख्ते में आ गए। आनन-फानन में मौका स्थल पर पहुंचे निगमकर्मियों ने वाहन को जप्त कर अपराध क्रमांक 016/023 पंजीकृत कर वाहन को जप्त कर लिया। वहीं सूत्रों की माने तो मामला दो रेंजरों के क्षेत्र का होने के कारण कार्यवाही को अंजाम दिया गया।

प्रेसनोट पर हो रहे सवाल खड़े :

विभाग के जिम्मेदारों ने जंगल में अवैध कटाई के प्रति इतनी सजगता दिखाई की आनन-फानन में जप्ती की कार्यवाही के बाद प्रेसनोट जारी किया। जारी किए गए प्रेसनोट में ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई, कि सागौन की लकड़ी कहाँ से काटकर ले जाई जा रही थी, जिस वाहन के माध्यम से तस्करी हो रही थी, उसका वाहन का पंजीयन क्रमांक वगैरा भी बताना मुनासिब नहीं समझा गया। बस संभागीय प्रबन्धक के निर्देशन में कार्यवाही हुई, जिसने की और मौका स्थल पर जितने निगमकर्मी मौजूद रहे उनके नाम के साथ बड़ी कार्यवाही की सुर्खियां बनने के लिए कोरम पूरा करने प्रेसनोट जारी कर दिया गया।

अवैध कटाई जंगल में ! जारी :

जिनके कंधों पर जंगल को संवारने का जिम्मा है, वे मलाई छानने और विभाग की राजनीती में व्यस्त रहते हैं। जंगल की तकवारी में रहने वाले क्षेत्र से नदारद रहते हैं। जिम्मेदार अधिकारी मुख्यालय में डंटे रहते हैं, ऐसे में सुनसान जंगल काली रात में अवैध कटाई की भेंट चढ़ रहा है। मैदानी रास्तों और सड़कों पर वन विभाग की ढिलाई और लापरवाही के कारण जंगल से अवैध इमारती सागौन पार हो रहा है। उमरिया जिले में सागौन की अवैध कटाई और तस्करी एक बड़ी समस्या है। वन विभाग कार्रवाई करता है, लेकिन तस्करी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।