कन्नौज: कन्नौज रेलवे स्टेशन पर राहत और बचाव कार्य पूरा, नही हुई कोई जनहानि

कन्नौज। कन्नौज में रेलवे स्टेशन पर बन रहे दो मंजिला वेटिंग हॉल का शनिवार को लिंटर गिर गया। रातभर एसडीआरएफ़ और रेलवे की टीम ने रेस्क्यू अभियान चलाया। मलबे में दबे 25 मजदूरों को निकालकर हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया। 13 मजदूरों का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। 9 मज़दूरों को मेडिकल कालेज तिर्वा में भर्ती कराया गया है। इनमें से 4 को हायर सेंटर लखनऊ भेजा गया था जिनकी हालत अब बेहतर बताई जाती है। रविवार सुबह 6 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन बंद कर दिया गया। 16 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला। सुबह दोनों राहत और बचाव की टीमें लौट गईं। रेलवे के आलाधिकारी स्टेशन पर मौजूद हैं।हादसे की जांच के लिए तीन उच्चस्तरीय टीमों का गठन किया गया है। नई बिल्डिंग अमृत भारत योजना के तहत बन रही थी।

शटरिंग से बल्ली टकराते ही ढह गया लिंटर

पूरी घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया। इसमें दिख रहा है कि मजदूर नीचे काम कर रहा है फिर वह हाथ में एक लंबी बल्ली लेकर छत के नीचे पहुंचता है। बल्ली से शटरिंग की टेढ़ी हो रही बल्लियों को ठीक करने की कोशिश करता है। बल्ली टकराने से शटरिंग खिसक जाती है और बांस-बल्लियों समेत लिंटर भरभरा कर नीचे गिर जाता है।

उच्च स्तरीय जांच और अनुग्रह राशि का ऐलान

बरेली से प्राप्त एक आधिकारिक घोषणा के मुताबिक कन्नौज हादसे की जांच के लिए रेलवे ने चार अधिकारियों की कमेटी गठित की है। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज सिंह ने बताया कि कमेटी में प्रमुख मुख्य इंजीनियर नीलमणि, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी आरएसपी नरेंद्र कुमार, प्रमुख मुख्य संरक्षा अधिकारी मुकेश मेहरोत्रा और प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त तारिक अहमद शामिल हैं। डीआरएम इज्जतनगर वीणा सिन्हा ने बचाव कार्य का जायजा लिया। डीआरएम ने घोषणा की कि घायल मजदूरों को 50 हजार और गंभीर घायलों को ढाई लाख रुपये अनुग्रह राशि दी जाएगी।