जम्मू कश्मीर में पहली बार संविधान दिवस मनाया गया

जम्मू-कश्मीर 1950 के बाद पहली बार मंगलवार को संविधान दिवस मना रहा है जब देश का संविधान संसद द्वारा अपनाया गया था। सरकार ने संविधान दिवस के भव्य आयोजन के लिए निर्देश जारी किये हैं.

झारखंड प्रदेश की जानी-मानी समाज सेविका श्री राजपूत करणी सेना की झारखंड प्रदेश संरक्षक श्रीमती रेणुका सिंह ने गर्व से कहा कि रश्मि सिंह मेरी भतीजी है। जो आज जब जम्मू कश्मीर में 75 वां संविधान दिवस मनाया जा रहा है सबसे पहला संविधान दिवस की उपलब्धता में हमारी बच्ची की उपस्थिति वहां जम्मू कश्मीर में है। जब जॉइन करती है तो झांसी में ज्वाइन करती है और पहला पहला संविधान दिवस जब जम्मू कश्मीर माना जाता है तो वहां पर स्थापित होती है। रेणुका सिंह ने कहा कि संविधान दिवस की बहुत सारी शुभकामनाएं और रश्मि सिंह पर हम सबको बहुत गर्व है। रेणुका सिंह ने कहा कि मेरे बड़े भैया की बेटी हमारे खानदान की यह पहली बच्ची है जिसने हम लोगों को मान बढ़ाया है हम लोगों के परिवार का मान बढ़ाया है। मेरे मामा के खानदान की पहली बच्ची स्वर्गीय शंकर दयाल सिंह की बेटी रश्मि सिंह जब एग्जाम ट्रैक करके ज्वाइन की थी तो वह झांसी मे बहुत भावुक होकर चिट्ठी लिखी थी पापा के पास कि आपको गर्व होगा कि जहां से झांसी की रानी वीरता का परिचय दी है मैं वही सबसे पहले ज्वाइन की हूँ। रेणुका सिंह ने कहा कि संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूरे होने के महत्व को ध्यान में रखते हुए, भारत के संविधान में निहित मूल मूल्यों को दोहराने और नागरिकों को अभियान में अपनी उचित भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करने के लिए यह दिन बड़े उत्साह और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। रेणुका सिंह ने कहा कि यह वर्ष विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाता है।