ये हुई न बात..! SDM‌ दिव्या ओझा ने खुद पकड़ ली हंसिया, खेत में काटने लगी धान

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

चकिया।धान के औसत उपज का आकलन करने के लिए के लिए 'क्रॉप कटिंग' की जाती है। चकिया विकासखंड के बीकापुर तथा शहाबगंज विकासखंड के कलानी गांव में धान की क्रॉप कटिंग एसडीएम दिव्या ओझा ने खुद खेतों में उतरकर हाथों में हासिया लेकर धान की कटाई की।कृषि विभाग की देखरेख में क्रॉप कटिंग की। इस दौरान उन्होंने संबंधित पदाधिकारियों और किसानों को आवश्यक निर्देश दिये। धान की फसल के उत्पादन लागत के मूल्य निर्धारण करने का कार्य प्रशासनिक अधिकारियों ने शुरू किया।

*धान की पैदावार का आकलनः*
गुरुवार को बीकापुर तथा कलानी गांव में एसडीएम दिव्या ओझा दल बल के साथ पहुंची। किसानों के खेत में एसडीएम दिव्या ओझा ने धान की कटिंग की।इस मौके पर किसान के साथ किसान सलाहकार मौजूद रहे।विभिन्न प्रखंडों में धान की कितनी उपज हुई है, उसका कितना मूल्यांकन हुआ है, इसको लेकर विभिन्न राजस्व गांव में प्रशासनिक पदाधिकारी खुद खेतों में जाकर अपने हाथों में हसुआ लेकर धान की कटाई कर रहे हैं।

*क्या होती है क्रॉप कटिंगः*
खरीफ की फसल का औसत उत्पादन निकालने के लिए क्रॉप कटिंग की जाती है. आंकड़ों के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण होता है.फसल उत्पादन का औसत जानने के लिए पंचायतवार रैंडमली खेतों में जाकर क्रॉप कटिंग की जाती है। क्रॉप कटिंग के तहत चिह्नित खेत में जाकर 10 गुना 5 वर्ग मीटर में धान की तैयार फसल को काटा जाता है। अधिकारी की मौजूदगी में उससे फसल निकाली जाती है। फिर रिकॉर्ड तैयार किया जाता।