भाकियू टिकैत ने टाईगर रिजर्व कार्यालय गेट पर धरना-प्रदर्शन कर डीएफओ को दिया ज्ञापन

पीलीभीत। जनपद में बाघों के जंगल से बाहर आने से रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पा रही है। इसको लेकर भारतीय किसान यूनियन टिकैत ने डिवीजन कार्यालय पर प्रदर्शन कर सभा की। इसके बाद 14 सूत्री ज्ञापन डीएफओ को सौंपा। डीएफओ मनीष सिंह को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि टाइगर रिजर्व में बाघों के पुनर्वास के लिए वनविभाग की ओर से कोई ठोस प्रबंध नहीं किए गए हैं। इस कारण बाघ जंगल से निकलकर खेतों एवं गांवों में घूम रहे हैं। खेतों पर काम कर रहे किसानों एवं मजदूरी पर अचानक हमले हो रहे हैं। कई ग्रामीण भी बाघों का शिकार बन चुके हैं। बाघों के हमले में मृत ग्रामीणों के आश्रितों को 25 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक व्यक्ति को योग्यता अनुसार सरकारी नौकरी दी जाए। इसके अलावा वन्य जीवों के कारण किसानों की फसलों को हो रहे नुकसान को रोकने के प्रबंध किए जाएं।
वन विभाग में कार्य कर रहे दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को विभाग की ओर से वर्दी, जूता और सुरक्षा दी जाए। जंगल से सटे गांवों के लोगों को विभाग की ओर से सेंठा, नरकुल घासफूस, जलौनी लकड़ी तथा प्रत्येक तीन साल बाद इमारती लकड़ी निशुल्क उपलब्ध कराई जाए। यही नहीं माधोटांडा- पीलीभीत मार्ग से निगोही ब्रांच नहर के पास जाल फेंसिंग कराई जाए। धरना प्रदर्शन के दौरान मंडलाध्यक्ष सतविंदर सिंह काहलों, जिलाध्यक्ष वेदप्रकाश, गुरदीप सिंह गोगी, गुरजीत सिंह, वीरपाल, मुश्ताक आदि मौजूद रहे।