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गंगानगर कला मंच की मासिक काव्य गोष्ठी में कवियों ने रक्षाबंधन पर्व की महिमा बताई


श्रीगंगानगर, कला मंच की मासिक काव्य गोष्ठी रविवार सुबह गगन पथ स्थित अरोड़वंश पब्लिक स्कूल सभागार में आयोजित की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाजसेवी विजय गोयल तथा विशिष्ट अतिथि सेवानिवृत्त आयकर अधिकारी अशोक किंगर व समाजसेवी सुनील कुमार पासी थे एवं अध्यक्षता मंच अध्यक्ष मनीराम सेतिया ने की। सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा माँ सरव्स्वती के चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित किए गए।
काव्य गोष्ठी में निष्ठा गुप्ता ने स्वरचित कविता ?वो जो अपने घर नहीं जाते...?, सुमन अनाड़ी ने कविता ?मुर्दे ही मुर्दे हैं सब जिंदा कोई नहीं...?, बनवारीलाल शर्मा ने कविता ?मेरी माँ अस्सी वर्ष से अधिक उम्र की है...?, सुरेश कनवाडिय़ा ने गजल ?मुझे जलते हुए पथ पर ...?, कमलप्रीत सिंह ने पंजाबी कविता ?कल ना वधया अज बनया है...?, बीएस चौहान ने कविता ?उत्थान और पतन...?, दीपक गंगानगरी ने ?मैं हार कभी नहीं मानूंगा...? तथा राजकुमार सिंगल ने गीत ?यूं फिर आ जाती है...? द्वारा खूब तालियां बटोरी।
इसी कड़ी में जोगा भागसरिया ने कविता ?तूं राखी बहाने आई बहन...? तथा सुनील कुमार पासी ने कविता ?रक्षाबंधन अब हो गया है बंधन...? द्वारा रक्षाबंधन पर्व के महत्व पर प्रकाश डाला। सतपाल जोईया ने गजल ?दिल की रफ्तार है...?, ललित चराया ने कविता ?तुम चाहते हो...?, उमा राम ने कविता ?अच्छा लगता है...?, मनोज सैन ने कविता ?वतन पे जान लुटा दे जो...?, वीरेन्द्र खुराना ने कविता ?कुछ किसी से कहां कहता है...?, कृष्ण कुमार आशु ने कविता ?दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संविधान की तरह...?, अरुण उर्मेश ने कविता ?दुनिया से घबराना काहे...?, बनवारीलाल बन्नी ने गजल ?जरा मुस्कुरा दो...? तथा सुरेन्द्र सुन्दरम ने कविता ?सडक़ पर था, सडक़ पर ही रहूंगा...? पेश कर खूब वाहवाही लूटी।
मदन अरोड़ा ने मंच संचालन करते हुए ?उठ खड़ा हो अब उत्तर दे...? कविता पेश की। विशिष्ट अतिथि अशोक किंगर ने ?मोबाइल छोड़ो...? कविता द्वारा मोबाइल के दुष्प्रभावों को रेखांकित किया। मुख्य अतिथि विजय कुमार गोयल ने सभी साहित्यकारों की स्वरचित रचनाओं की मुक्तकंठ से सराहना की तथा रक्षाबंधन पर्व पर शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मंच अध्यक्ष मनीराम सेतिया ने ?रक्षाबंधन के त्यौहार का मकसद कुछ खास होता है...? कविता द्वारा रक्षाबंधन पर्व के आध्यात्मिक व सामाजिक महत्व से अवगत करवाया तथा सफल आयोजन के लिए सबका आभार व्यक्त किया। रक्षाबंधन पर्व पर निष्ठा गुप्ता को मनीराम सेतिया द्वारा संकलित ?नारी तू नारायणी? पुस्तक उपहार स्वरूप भेंट कर अभिनंदन-सम्मान किया गया। इस अवसर पर रोशन लाल धवन सहित बड़ी संख्या में गंगानगर कला मंच पदाधिकारी, सदस्य तथा साहित्यकार व साहित्यप्रेमी उपस्थित थे