हरदोई में नाव से स्कूल जाने को मजबूर बच्चे, पुल का निर्माण न होने से आ रही समस्या, जान जोखिम में डालकर गुजरना पड़ रहा

हरदोई। हरपालपुर में स्कूली बच्चों के नाव से स्कूल जाने का वीडियो सामने आया है। बताया गया अपनी जान जोखिम में डालकर ये स्कूली छात्र-छात्राएं प्रतिदिन ऐसे ही स्कूल जा रहे हैं। बीते कुछ दिन पहले नाव पलट भी गई थी, इसके बाद बच्चे पानी में डूबने लगे तो ग्रामीणों की मदद से उनको बचाया गया। पहले यहां पर पाइप वाली पुलिया थी, जिसको प्रशासन ने बनवाने की बात कही थी। लेकिन बाढ़ आने के बाद पुलिया भी बह गई इसके बाद अब एक मात्र नाव ही एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए सहारा है। नाऊपुरवा व दयालपुर के बीच में बनी पाइप वाली पुलिया 1 वर्ष पहले बाढ़ आने से बह गई थी। जिससे बच्चों व ग्रामीणों को आने जाने में नाव का सहारा लेना पड़ रहा है।

जानकारी के अनुसार हरपालपुर ब्लॉक के दयालपुर व नाऊपुरवा गांव का बाढ़ आने से संपर्क टूट गया है। और नाव के सहारे बच्चे व ग्रामीण उधर से उधर होकर अपने कार्य के लिए जाने को मजबूर हैं। गांव में ही इंटर कालेज के प्रबंधक अमित सिंह ने बताया कि बाढ़ आने पर पाइप वाली पुलिया टूट गई थी, तहसील प्रशासन ने संज्ञान भी लिया था और पुलिया को बनवाने के लिए भी कहा गया था। मगर दूसरी व तीसरी बार बाढ़ आ गई, पुलिया नहीं बन पाई और अब बच्चे अपनी जान को हथेली में रखकर नाव पर सवार होकर स्कूल आने को मजबूर है। विद्यालय के मास्टर सत्यम कुमार का कहना है कि कटियारी क्षेत्र में बाढ़ की संभावना 6 से 7 महीने रहती है, हमें और बच्चों व ग्रामीणों को काफी समस्या झेलनी पड़ रही है।

पुलिया का निर्माण न होने के कारण आए दिन अनहोनी का डर लगा रहता है। प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। लगातार प्रशासन को जानकारियां दी गई मगर प्रशासन को बच्चों की मजबूरियां व ग्रामीणों की मजबूरियां दिखाई नहीं दे रही हैं। ग्रामीणों ने बताया है कि क्षेत्र में पुलिया न बनने से हम लोगों को काफी समस्या झेलनी पड़ती है।

बताया गया बीती 6 अगस्त को बच्चे नाव पर सवार होकर स्कूल जा रहे थे। तभी बीच धार में पहुंच गए थे ओर नाव पलट गई थी। तब ग्रामीणों की मदद से उन बच्चों को बचाया गया और नाव को सही किया गया। उन्होंने कहा कि हरदोई का प्रशासन किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार कर रहा है। इसीलिए प्रशासन पुलिया का निर्माण कार्य नहीं करा रहा है। जिससे बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर निकलने को मजबूर हैं।