भारी फजीहत जानकर नींद से जागा पीलीभीत स्वास्थ्य विभाग,बिन आदेश सील ताला तोड़कर खोला गया था मेडिस्टार अस्पताल,फिर हुआ सील,वीडियो हुए वायरल,अब लापरवाह अधिकारी क्या करेंगे कार्रवाई,खुदा जाने।

भारी फजीहत जानकर नींद से जागा पीलीभीत स्वास्थ्य विभाग,बिन आदेश सील ताला तोड़कर खोला गया था अस्पताल,फिर हुआ सील,अब लापरवाह अधिकारी क्या करेंगे कार्रवाई,खुदा जाने।

राजेश गुप्ता संवाददाता पीलीभीत।

यूपी के जनपद पीलीभीत में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मिली भगत के चलते सैकड़ो की तादात में झोलाछाप डॉक्टर और बिना रजिस्ट्रेशन और बिना अनुभव के अस्पताल खुले हुए हैं जहां पर भोले भाले ग्रामीण मरीज आकर इलाज कराते हैं और रुपया पैसा की बर्बादी के साथ ही अपनी जान की भी बाजी लगाते हैं।कभी-कभी तो अनुभवहीन डॉक्टर की वजह से मरीज को अपनी जान तक गवानी पड़ जाती है।मगर स्वास्थ्य विभाग के प्रशासनिक अधिकारियों को इससे क्या?,क्योंकि उनकी ऊपरी कमाई इन्हीं बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे अस्पतालों और झोलाछाप डॉक्टरों से जो हो रही है।आप कितनी भी शिकायत इन अधिकारियों की कीजिए मगर उनकी कान पर जू तक नहीं रेंगती है। आपको बता दे अभी हाल में ही इन अधिकारियों के द्वारा भुक्त भोगी शिकायतकर्ता वीरेंद्र पाल गंगवार की शिकायत के आधार पर थाना जहानाबाद क्षेत्र में अवैध रूप से चल रहा बिना रजिस्ट्रेशन के मेडिस्टार अस्पताल में मुख्य चिकित्सा अधिकारी आलोक शर्मा के दिशा निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग की एक टीम को जांच के लिए भेजा गया था,स्वास्थ्य विभाग की टीम को जांच के दौरान अस्पताल में काफी अनिमित्ताओं मिली और जांच के दौरान अस्पताल से संबंधित कोई भी दस्तावेज अस्पताल संचालक के द्वारा नहीं दिखाया गया, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ललौरी खेड़ा के प्रभारी अधिकारी कमलेश गंगवार के द्वारा संचालित अस्पताल से संबंधित दस्तावेज दिखाने के लिए निर्धारित समय देकर मेडीस्टार अस्पताल
को ताला लगाकर सील किया गया था।स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों के द्वारा मीडिया को बताया गया था निर्धारित समय बीत जाने के बाद भी सील किए गए अस्पताल संचालक के द्वारा कोई भी दस्तावेज नहीं दिखाया गया,तथा अस्पताल बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित था इसकी पुष्टि मुख्य चिकित्सा अधिकारी पीलीभीत आलोक शर्मा के द्वारा बाइट में की गई है।स्वास्थ्य विभाग बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे इस अस्पताल पर कोई भी कानूनी कार्रवाई करने से बचता रहा,इसी बीच बिन आदेश के सील किया गया अस्पताल की सील तोड़कर अस्पताल को पुनः खोल दिया गया, जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और स्वास्थ्य विभाग की भारी फजीहत होने लगी।फजीहत देख मुख्य चिकित्सा अधिकारी आलोक शर्मा ने दोबारा से ललौरीखेड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी कमलेश कुमार को सील किए गए अस्पताल की हकीकत देखने के लिए भेजा। जहां कमलेश गंगवार को सील किया गया ताला की सील टूटी हुई मिली, मौके पर पहुंचे मीडिया संवाददाता के द्वारा इस संबंध में जानकारी लेने पर क्या कार्रवाई की जाएगी तो कमलेश गंगवार में मीडिया संवाददाता को बताया है निश्चित रूप से कानूनी कार्रवाई की जाएगी।अब स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कारवाई कब होगी यह तो खुदा जाने।मगर इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अलावा स्वास्थ्य विभाग की भी काफी फजीहत हुई है।आपको बता दें उपरोक्त अस्पताल में गर्भवती महिला पूजा गंगवार आपका गलत तरीके से ऑपरेशन किया गया था जिसमें नवजात बच्चे की मौत हुई थी तथा पूजा की बच्चेदानी भी निकालनी पड़ गई।पूजा का मृतक पहला बच्चा था और इस अस्पताल की वजह से पूजा कभी मां नहीं बन सकती है।पीड़ित लगातार कार्रवाई कराने के लिए लगातार चक्कर लगा रहा है।