आर्मी का धौंस! क्या प्रशासन और न्याय प्रणाली पर भारी पड़ रहा फौजी का भतीजा?पीड़िता ने प्रशासन से लगाई न्याय की गुहार

*फौज का धौस दिखाकर भतीजा कर रहा है पीड़ित को परेशान पीड़िता ने जिला अधिकारी से लगाई न्याय की गुहार*

*प्रदेश के उच्च अधिकारियों से �पीड़ित ने लगाया �न्याय की गुहार कहा कि नहीं मिला न्याय तो जाएंगे मुख्यमंत्री दरबार में*

*कृष्णानन्द शर्मा(ब्यूरो चीफ)लखनऊ*

*लखनऊ*-/ उत्तर प्रदेश के जनपद जौनपुर में केराकत तहसील क्षेत्र के ग्राम सभा छितौना नारायणपुर थाना जलालपुर के मूल निवासी शेषमणि दुबे पुत्र भगवत दुबे व वदना दुबे पत्नी प्रशांत दुबे ने जिला अधिकारी जौनपुर से मिलकर लिखित प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया है कि प्रार्थी का भतीजा फौज में नौकरी करता है अपने पद का दुरुपयोग करके अपने उच्च अधिकारियों से स्थानीय जिला प्रशासन व तहसील प्रशासन के ऊपर दबाव डालकर हमारे साथ गैर कानूनी कार्रवाई करा रहा �है प्रार्थी ने यह भी बताया कि ग्राम सभा छितौना ग्राम लोहगाजर नारायणपुर की भूमि �अपने भाई राममणि के साथ 1/2 भाग का शाखातेदार है तथा मलिक काबिज है राज्सव �अभिलेख में भी सह खातेदार अंकित है उल्लेखनीय भी है कि प्रार्थी का भतीजा फौज में नौकरी में है बार-बार अपने उच्च अधिकारियों से वैधानिक पत्राचार करवा कर � उपजिला अधिकारी केराकत से मिलकर प्रार्थी की बनी हुई बाउंड्री को तुड़वा देना चाहता है प्रार्थी व उसकी बहू उप जिला अधिकारी से न्याय की गुहार लगाया तो उप जिला अधिकारी केराकत द्वारा यह कहा गया कि 4 दिन का समय दिया जाता है प्रार्थी को जो भी बचाव करना हो कर लो अन्यथा हम तुम्हारा निर्माण ध्वस्त करवा देंगे प्रार्थी अत्यंत हैरान है पीड़ित का यह भी आरोप है कि भतीजा फौज में नौकरी के नाम पर स्थानीय प्रशासन के ऊपर दबाव बनाकर कानून की सरासर अवहेलना की कराई जा रही है जो गलत वह विधि विरुद्ध है प्रार्थी का मानसिक व सामाजिक शोषण किया जा रहा है पीड़ित ने अभी बताया कि उक्त भूमि के संदर्भ में दीवानी न्यायालय सिविल कोर्ट जौनपुर में सिविल जज जूनियर डिवीजन शाहगंज की न्यायालय में वंदना दुबे बनाम राममणि मुकदमा विचाराधीन है उक्तवाद में 21/7/24 तक स्टे आर्डर पास है इसके बावजूद भी तहसील प्रशासन केराकत के दबाव में प्रार्थी की बाउंड्री वॉल को गिरवाना चाह रहा है पीड़ित ने यह भी बताया कि उक्त भूमि का हमने अपने बहू के नाम बैनामा ले रखा है पीड़ित ने प्रदेश के उच्च अधिकारियों को भी लिखित रूप से शिकायत दर्ज कराया है देखना यह है कि क्या तहसील प्रशासन न्याय करता है या फिर फौजी के दबाव में आकर प्रार्थी की बाउंड्री को गीरवाता है की पीड़ित के साथ न्याय करता है कि नहीं ये तो आने वाला समय ही बताएगा की जिला प्रशासन तहसील प्रशासन पीड़ित के साथ क्या न्याय करता है,