पीलीभीत के जहानाबाद में निर्धारित समय के बाद भी सील किए गए मेडीस्टार अस्पताल संचालक स्वास्थ्य विभाग को कोई भी दस्तावेज नहीं दिखा पाया,आरोपित अस्पताल संचालक पर मुकदमा दर्ज कराने में स्वास्थ

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राजेश गुप्ता संवाददाता पीलीभीत।

जनपद पीलीभीत के जहानाबाद में निर्धारित समय के बाद भी सील किए गए मेडीस्टार अस्पताल संचालक स्वास्थ्य विभाग को कोई भी दस्तावेज नहीं दिखा पाया,आरोपित अस्पताल संचालक पर मुकदमा दर्ज कराने में स्वास्थ्य विभाग है नाकाम।

स्वास्थ्य विभाग भी लापरवाह बना हुआ है।

मेडीस्टार अस्पताल को सील किए हुए कई दिन बीत गए,दस्तावेज दिखाने का समय भी पूरा हो गया,मगर फिर भी स्वास्थ्य विभाग के द्वारा दोषी अस्पताल संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं कराया गया।

पीड़ित लगातार मुख्य चिकित्सा अधिकारी और पुलिस अधीक्षक पीलीभीत के दरबार के चक्कर लगाकर घिस रहा है अपनी चप्पल।

कहावत सिद्ध हो रही है अंधेरी नगरी चौपट राजा, टके सेर भाजी टके सेर खाजा।

आपको बता दे बीते कुछ दिन पहले ग्राम रमपुरा निवासी पीड़ित वीरेंद्र कुमार गंगवार की शिकायत पर पीलीभीत जनपद के कस्बा जहानाबाद में बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहा मेडीस्टार अस्पताल को मुख्य चिकित्सा अधिकारी आलोक शर्मा के निर्देश पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ललौरी खेड़ा के प्रभारी एमओआईसी कमलेश गंगवार और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के जितेंद्र राठौर के द्वारा सील किया गया था।

सील किए गए इस अस्पताल पर आरोप है कि बिना अनुभव के गर्भवती पूजा का ऑपरेशन किया गया,नवजात की मृत्यु हो गई,और गलत ऑपरेशन की वजह से गर्भवती पूजा के गर्भाशय को बाहर निकालना पड़ गया।

अधिकारियों के द्वारा दिए गए निर्धारित समय के बाद भी अस्पताल संबंधी कोई भी दस्तावेज़ अस्पताल संचालक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को नहीं दिखा पाया है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी आलोक शर्मा ने मीडिया में भी कहा है कि अस्पताल बिना रजिस्ट्रेशन के ही चल रहा था।

बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे अस्पताल संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने में भी अपनी बेबसी दिखा रहा है।

आपको बता दे कुछ वर्ष पहले जहानाबाद में एक क्लीनिक को राजनीति के तहत सील कर दिया गया था और आनन फानन में क्लीनिक स्वामी नदीम खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया था,मगर यहां कुछ और है कि बिना रजिस्ट्रेशन के ही चल रहा मेडिस्टार अस्पताल पर मुकदमा दर्ज कराने में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी असफल होते हुए दिखाई दे रहे हैं।