हरदोई में शव से लूट मामले में वीडियो पर वीडियो हो रहे वायरल, अब तक दो आउटसोर्स कर्मचारियों पर FIR समेत तीन को किया जा चुका बर्खास्त, एक ही दोष में अलग-अलग कार्रवाई पर खड़े हो रहे सवाल

हरदोई। स्वास्थ्य महकमे में भ्रष्टाचार की जड़े बड़ी मज़बूत है। शव से लूट मामले का खुलासा होने के बाद परत दर परत हकीकत खुलकर सामने आ रही है। चीरघर में तैनात फार्मासिस्ट पंकज सचान का इतना रूतबा था कि वह सीएमओ को गाली गलौज करता था। जिसमें सीएमओ ने उस पर कार्रवाई की फिर उसी कार्रवाई को पोस्टमार्टम कांड से जोड़ दिया। बर्खास्त कर्मचारी रूपेश पटेल ने दोनों फार्मासिस्टों व अन्य लोगों पर कार्रवाई न होने पर आत्महत्या की चेतावनी दी है,साथ ही अपनी जान को खतरा भी बताया है।

बताते चलें कि माधौगंज थाने में तैनात महिला कांस्टेबल निक्की की बड़ी बहन की संदिग्ध अवस्था में 9 अप्रैल को मौत हो गई थी। जिसका शव पोस्टमार्टम होने के लिए 100 शैय्या हॉस्पिटल चीरघर हरदोई में लाया गया था। इसी बीच किसी ने उसके शव से नाक की कील और कान की बाली निकाल ली थी। अंतिम संस्कार के बाद महिला आरक्षी ने सीएमओ डॉ. रोहतास कुमार से मिलकर मामले की शिकायत की थी। जिसमें जांच के लिए दो सदस्यीय टीम गठित की गई। उसकी जांच रिपोर्ट के आधार पर वार्डब्यॉय रूपेश पटेल व स्वीपर वाहिद को दोषी मानते हुए बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा और वार्डब्यॉय रूपेश पटेल ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। जिसमें उसने खुद को निर्दोष फंसाने का आरोप लगाया था। घटना में उसने दोनों फार्मासिस्ट और अन्य कर्मचारियों को दोषी बताया था। इसके बाद दूसरी चार सदस्यीय टीम गठित हुई। उसकी जांच रिपोर्ट के आधार पर तीन कर्मचारियों रूपेश पटेल,स्वीपर कम चौकीदार वाहिद और अरविंद वर्मा को दोषी पाया गया। जिनको सीएमओ ने बर्खास्त कर दिया और फार्मासिस्ट अरविंद वर्मा का सांडी व पंकज कुमार का संडीला तबादला कर दिया। जबकि सीएमओ से गाली गलौज मामले में पंकज कुमार का पहले ही संडीला तबादला किया जा चुका था। फिर ये कार्रवाई लोगों में चर्चा का विषय बनी है और उनको हजम नहीं हो पा रही है। इसके बाद एक और वीडियो बनाकर रूपेश पटेल ने कहा कि चुट्टे फार्मासिस्टों पर उचित कार्रवाई नहीं की गई तो वह आत्महत्या कर लेगा। फिर क्या था सीएमओ ने डॉ. पंकज मिश्रा को निर्देशित किया और बवाल काटने वाले रूपेश पटेल के साथ वाहिद को भी लपेट लिया। जिसमें उन दोनों आउटसोर्स कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज करा दी जबकि अन्य कर्मचारियों को बचाने की पुरजोर कोशिश की है। फिर एक वीडियो बनाकर रूपेश ने वायरल किया है। जिसमें उसने सच मीडिया के सामने लाने पर एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है। साथ ही अपनी जान को खतरा बताया है। हालांकि सीएमओ डॉ. रोहतास कुमार की 5 दोषियों पर अलग -अलग कार्रवाई चर्चा में है, जो उनके भ्रष्टचार की पोल खोल रही हैं।