हरदोई में महिला आरक्षी की बहन के शव से लूट के मामले ने पकड़ा तूल, वीडियो के बाद डीएम से शिकायत कर रूपेश पटेल ने खुद को बताया निर्दोष, फिर से जांच करने के लिए मामले में चार सदस्यीय टीम हुई गठित

हरदोई। सीएमओ के नाक के नीचे बने चीरघर में शव से लूट के मामले में दो कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है। उसमे हर रोज कुछ नया खुलकर आ रहा है। कल बर्खास्त कर्मचारी ने सीएमओ को चैलेंज दिया और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच कराने की मांग की। आज उसने डीएम को शिकायती पत्र देकर मामले में दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। मामले में सीएमओ ने चार सदस्यीय टीम को गठित कर शाम तक जांच रिपोर्ट देने की जिम्मेदारी सौंपी है। बार -बार जांच कराकर सीएमओ खुद को बचाना चाहते है, जबकि बर्खास्त कर्मचारी द्वारा लगाए गए आरोप कुछ और ही बयां कर रहे हैं।

बताते चलें कि मधौगंज थाने में तैनात महिला आरक्षी निक्की की बहन की संदिग्ध अवस्था में 9 अप्रैल को मौत हो गई थी। जिसका पोस्टमार्टम होने के लिए शव 100 शैय्या हॉस्पिटल चीरघर हरदोई में आया था। जिसमें उसके कान की बाली और नाक की कील किसी ने निकाल ली थी। अंतिम संस्कार के बाद जब महिला आरक्षी वापस ड्यूटी पर आई तो उसने इस घटना के बाबत सीएमओ डॉ. रोहतास कुमार को जानकारी दी। शिकायत मिलते ही पूरे स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया। आनन फानन में सीएमओ ने जांच के लिए दो सदस्यीय टीम गठित कर दी। जिसमें एसीएमओ सुरेश कुमार और सीएचसी अहिरोरी के अधीक्षक डॉ. मनोज कुमार शामिल थे। उन्होंने जांच रिपोर्ट में दो आउटसोर्स कर्मचारियों रूपेश पटेल और वाहिद को दोषी पाया। जिनको सीएमओ ने बर्खास्त कर दिया और सेवा प्रदाता कंपनी को पत्र भेजकर सीएमओ ने चेतावनी दी है कि कर्मचारियों की नियुक्ति करते समय उनके आचरण के बारे में पता कर लें।

कल मंगलवार को बर्खास्त कर्मचारी रूपेश पटेल ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया था। जिसमें उसने खुद को निर्दोष बताया था और सीएमओ डॉ. रोहतास कुमार को चैलेंज देते हुए सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच कराने की मांग की थी। इसके बाद बुधवार सुबह रूपेश पटेल ने डीएम मंगला प्रसाद सिंह से मुलाकात कर शिकायती पत्र सौंपा है। जिसमें उसने खुद निर्दोष बताते हुए उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की। उसने पत्र में कहा कि अगर वह 9 अप्रैल के दिन शव विच्छेदन गृह के अंदर भी गया हो तो उसको कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। फिर क्या था सीएमओ डॉ. रोहतास कुमार ने वरिष्ठ डॉक्टरों की चार सदस्यीय टीम गठित कर मामले में शाम तक जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए। उस टीम ने बर्खास्त कर्मचारी रूपेश पटेल,वाहिद समेत अन्य कर्मचारियों के बयान दर्ज किए है। सीएमओ ने शाम तक जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर मामले में कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए है। उन्होंने बताया कि जब कोई हार जाता है तब वह ऐसे ही आरोप लगाता है। जब जांच टीम ने बयान दर्ज किए थे तब क्यों नहीं उसने अपनी सफाई पेश की थी। अब जो वीडियो वायरल करके आरोप लगाए जा रहे है यह अनुचित है। फिलहाल सीएमओ डॉ. रोहतास कुमार के बयान से यह साबित हो रहा है कि वह खुद को दूर रखना चाहते हैं। जबकि उनके नाक के नीचे डेड बॉडी से लूट हो रही थी और उनको कुछ पता ही नहीं था। जो वहां कर्मचारियों समेत लोगों के गले नहीं उतर रहा हैं। हालांकि अब देखने वाली बात यह होगी कि जांच टीम क्या रिपोर्ट सौंपती है और उसमें क्या कार्रवाई होती है यह कौतूहल का विषय हैं।