पीलीभीत में सस्पेंड चल रहे कांस्टेबल ने गर्रा नदी में कूदकर दी जान, लूट के मामले में पाया गया था दोषी, हरदोई में पिता को फोन कर कहा जिंदा नहीं रहना चाहता, फिर नदी में लगाई छलांग

हरदोई। पीलीभीत में सस्पेंड चल रहे कॉन्स्टेबल ने हरदोई में गर्रा नदी में कूदकर जान दे दी। सुसाइड से पहले उसने अपने पिता से फोन पर बात की थी। कहा था कि नौकरी से सस्पेंड हो गया हूं। जेल जाना पड़ा गया, अब मैं जिंदा नहीं रहना चाहता हूं। जब तक पिता उसे समझा पाते तब तक उसने कॉल काट दी और सांडी पुल से नदी में छलांग लगा दी। पिता की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव की तलाश कराई। आज शव बरामद हो गया है।

जानकारी के अनुसार अरवल थाना क्षेत्र खद्दीपुर चैनपुर गांव के देवेन्द्र सिंह के बेटे रामू सिंह 6 साल पहले पुलिस विभाग में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। इन दिनों पीलीभीत पुलिस लाइन में वो तैनात थे। पिता देवेंद्र ने बताया कि पत्नी रश्मि के साथ रामू पुलिस लाइन में रहता था। किसी लूटपाट के मामले में एक महीने पहले उसे सस्पेंड कर दिया गया था। तभी से तनाव में था। 15 दिन पहले अपनी पत्नी को गांव में छोड़कर वापस पीलीभीत चला गया था। शनिवार को रामू ने सांडी आकर फोन किया और कहा कि पिता जी मैं जिंदा नहीं रहूंगा, गर्रा नदी में डूबकर जान दे दूंगा। नौकरी से सस्पेंड हुआ हूं, जेल जाना पड़ा है। ये सब बर्दाश्त नहीं हो रहा है। इतना कहने के बाद उसने फोन काट दिया फिर फोन बंद जाने लगा। जबतक हम लोग मौके पर पहुंचते तब तक वो डूब चुका था। पीलीभीत के पूरनपुर थाना क्षेत्र के गांव के रहने वाले कमर ने एक महीने पहले थाने में केस दर्ज कराया था कि ब्रेजा कार सवार 4 व्यक्तियों ने खुद को क्राइम इंस्पेक्टर बताकर उससे एक मोबाइल फोन और 3000 रुपए की नगदी लूट ली। एक और युवक जितेंद्र कुमार ने FIR दर्ज कराई थी कि सीबीआई का अधिकारी बताकर सरफराज नाम के व्यक्ति ने उससे जबरदस्ती खाते में 14000 रुपए ट्रांसफर करा लिए।

सीओ आलोक सिंह ने पूरे मामले की जांच की तो सामने आया कि पूरनपुर थाने के सिपाही रामू अपने सहयोगी सरफराज और कल्लू के साथ मिलकर इन घटनाओं को अंजाम दे रहा है। इसके बाद आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आरोपी सिपाही और उसके साथी सरफराज को गिरफ्तार कर लिया गया था। रामू को सस्पेंड करने के बाद दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया था। मामले में पुलिस की काफी फजीहत हुई थी। मामला लखनऊ तक चर्चा में आ गया था। पिता के मुताबिक, 15 दिन पहले रामू को जमानत मिल गई थी। छूटने के बाद रामू अपनी पत्नी रश्मि को गांव लेकर आया और छोड़कर पीलीभीत चला गया था। शनिवार की रात उसने सुसाइड कर लिया। रात में उसकी तलाश की गई लेकिन सफलता नहीं मिली। सुबह फिर गोताखोरों को लगाया गया। जिसके बाद पुल से करीब 4 किमी. दूर सिपाही का शव मिला। रामू सिंह की शादी करीब 3 साल पहले रायबरेली की रश्मि सिंह के साथ हुई थी। शादी के कुछ ही दिनों के बाद से वह पत्नी को अपने साथ पीलीभीत ले गया था और वहीं रह रहा था। वहां लूटपाट के मामले में जेल जाने के बाद जब वह जेल से जमानत पर छूटा तो पत्नी को गांव आ कर छोड़ गया था।

एएसपी पूर्वी नृपेंद्र कुमार ने बताया कि पीलीभीत में तैनात कांस्टेबल ने गर्रा नदी में कूदकर जान दी है। जिसके शव को कब्जे में लेकर पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। यह कांस्टेबल वहां से निलंबित चल रहा था और लूट के मामले में दोषी पाया गया था।