पत्रकार हत्याकांड के खुलासे ने दिया सवालों को जन्म,भाई ने तहरीर में क्यों किए झूठे दावे..

शाहगंज जौनपुर

स्थानीय थाना क्षेत्र के सबरहद इमरानगंज बाजार में बीते 13 मई को हुवे पत्रकार हत्याकांड का शुक्रवार को जौनपुर पुलिस ने खुलासा कर दिया है,गौर तलब रहे कि 13 मई की सुबह पत्रकार/भाजपा नेता आशुतोष श्रीवास्तव को गांव के बाजार में दो अज्ञात बदमाशों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी,चुनावी माहौल में हुई हत्या से शासन प्रशासन के पांव फूल गए थे मौके पर भाजपा प्रत्याशी कृपाशंकर सिंह और विधायक रमेश सिंह के पहुंच कर प्रशासन को न सिर्फ आड़े हाथों लिया बल्कि सख्त से सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए थे,वहीं घटना के लगभग 35 घंटे के बाद पत्रकार के भाई संतोष श्रीवास्तव ने घटना को महज 100 मीटर की दूरी से देखने का दावा करते हुए गांव के ही 4 नामजद और 5 अज्ञात के खिलाफ हत्या और अपराधिक साजिश रचने का मुकदमा दर्ज कराया था।

तहरीर मिलते ही पुलिस ने आनन फानन में अपराधिक साजिश के आरोप में जमीरुद्दीन कुरैशी को महाराष्ट्र से गिरफ्तार कर जांच शुरू की, सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पता चला कि तहरीर देने वाला संतोष श्रीवास्तव हत्या के समय अपने घर पर ही मौजूद था,और उसने घटना स्थल पर होने और पत्रकार भाई द्वारा हमलावरों और साजिशकर्ताओं के बारे में बयान देने का झूठा दावा अपनी तहरीर में किया है,लेकिन इसके बावजूद भाजपा नेताओं के प्रेशर की वजह से पुलिस ने भाई से पूछताछ किए बिना ही जांच को आगे जारी रखा और हर उस व्यक्ति से पूछताछ शुरू की जिसके खिलाफ आशुतोष श्रीवास्तव ने या तो जनहित याचिका दायर कर रखी थी या फिर पुरानी रंजिश थी।

सीसीटीवी के आधार पर हमलावरों की खोज में जुटी पुलिस ने 2022 जियालाल हत्याकांड के के आरोप में जेल में बंद हाशिम को रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू की 5 जून की रात पुलिस को उस समय कामयाबी मिली जब पुलिस टीम खेतासराय क्षेत्र में चेकिंग अभियान चला रही थी,उसी समय बदमाश प्रिंस सिंह को पुलिस ने रोका तो उसने पुलिस पर फायरिंग कर भागने का प्रयास किया लेकिन मुस्तैद पुलिस के घेराबंदी कर आत्मरक्षा में बदमाश पर फायर किया जिसकी वजह से बदमाश गिर कर घायल हो गया और जिला अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई,बदमाश की पहचान प्रिंस सिंह के रूप में हुई जिस पर हत्या और लूट के लगभग 41 मुकदमे दर्ज थे और वो 1 लाख रुपए का इनामिया था,जांच में पता चला कि पत्रकार की हत्या भी इसी शूटर ने की थी।

शुक्रवार की सुबह पुलिस को एक और सफलता मिली जब पुलिस ने आजमगढ़ के बार्डर पर नीतीश कुमार राय को चोरी की अपाचे मोटर साइकल के साथ गिरफ्तार किया।

गिरफ्तार अभियुक्त नितीश राय पुत्र सत्येन्द्र राय निवासी बच्छौर खुर्द रामगढ़ थाना जीयनपुर जनपद आजमगढ उम्र 23 वर्ष ने पूछने पर बताया कि उसे नशा करने की आदत है और वो अपराध की दुनिया में अपना नाम आगे बढाने के लिये इनामिया अपराधी शूटर प्रशान्त सिंह उर्फ प्रिंस पुत्र प्रेमनारायन सिंह निवासी नेवादा ईश्वरी सिंह सरायख्वाजा जौनपुर के साथ दोस्ती कर एक साथ अपराध करने लगा,उसने बताया कि हाल ही में मैंने और प्रशान्त सिंह उर्फ प्रिंस ने पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव की हत्या इसी गाड़ी से की थी, मैं चला रहा था और पीछे बैठे प्रशान्त सिंह ने 9 एम एम की पिस्टल से आशुतोष को गोली मारी घटना के बाद हम लोग भाग गये,मुझे जानकारी मिली कि प्रशान्त सिंह उर्फ प्रिंस भैया की पुलिस मुडभेड़ में मृत्यु हो गयी है।

पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपी ने बताया कि मैं प्रशान्त सिंह उर्फ प्रिंस के घर मिलने जा रहा था कि रास्ते में पुलिस द्वारा पकड़ लिया गया,जिस पिस्टलों से पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव की हत्या की थी वे पिस्टलें प्रशान्त सिंह प्रिंस के पास थी, आशुतोष श्रीवास्तव के हत्या की सुपारी देने वाले के सम्बन्ध में पूछने पर बताया कि हत्या की सुपारी प्रशान्त सिंह उर्फ प्रिंस लेता थे,मैं साथ में रहता था जब हम लोग हत्या करने आ रहे थे तो प्रशान्त सिंह उर्फ प्रिंस भैया ने हमें बताया था कि यह सुपारी जमीन प्लाटिंग को लेकर सिकन्दर आलम ने दिया है, सिकन्दर आलम से 10 लाख में हत्या की सुपारी तय हुई थी जिसमें 50 हजार रूपया मिल चुका था शेष पैसा बकाया है, सिकन्दर आलम का एक दोस्त हासिम जो जेल में बन्द है उसी के माध्यम से प्रशान्त सिंह उर्फ प्रिंस से भी बात हुई थी भैया बताये थे कि सिकन्दर आलम, मो0 हासिम के जमीन प्लाटिंग की बात को लेकर आशुतोष श्रीवास्तव की हत्या करना है प्रिन्स उर्फ प्रशान्त से हम बहुत कुछ नही पूछते थे मुझे प्रशान्त पीने खाने के लिए पाँच हजार रुपया दिया था।

उसने बताया कि घटना के समय 1 बच्चा वहां था जिसे प्रिंस ने जोर से चिल्लाकर पिस्टल दिखाकर धमकाया उसके बाद हम लोग भाग गये,वहीं हत्या का खुलासा होने के बाद से ही पत्रकार के भाई की तहरीर क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है कि आखिर किसके कहने पर संतोष के गांव के अरबपति कारोबारी नासिर जमाल शेख,कामरान मोइन शेख समेत जमीरुद्दीन का नाम लिया था और आखिर क्या वजह थी कि संतोष ने घटनास्थल से महज 100 मीटर की दूरी से हमलावरों को अपने भाई की हत्या करते देखने का झूठा दावा किया था,हत्याकांड के खुलासे के बाद से ही गांव में चर्चाओं का बाजार गर्म है,और लोग झूठे दावों के साथ तहरीर देने वाले पत्रकार के भाई के खिलाफ कार्यवाही की मांग कर रहे हैं।