चकिया- अपनी प्रतिष्ठा नहीं बचा पाए बीजेपी विधायक व जिलाध्यक्ष,मेहनत की बजाए फोटोबाजी करते रहे भाजपाई,

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

चकिया- लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद राबर्ट्सगंज संसदीय सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी छोटेलाल खरवार ने एक लाख तीस हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल कर ली।और अपना दल एस प्रत्याशी रिंकी कोल को बड़े अंतरों से हराया।जिसके बाद लोकसभा सहित चकिया विधानसभा क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार पूरी तरह से गर्म रहा।और लोग तरह तरह की चर्चाएं करते नजर आए।

ऐसे अगर बात करें तो चकिया विधानसभा क्षेत्र में अपना दल एस प्रत्याशी को जिताने की जिम्मेदारी विधायक कैलाश खरवार व जिलाध्यक्ष काशीनाथ सिंह ने अपने हाथों में ली थी। ऐसे में यह माना जा रहा था कि जिस तरीके से विधायक और जिलाध्यक्ष हर एक टीम और कार्यों की मानिटरिंग करते रहे,और पूरी ताकत लगा दिए थे।और दोनों लोगों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी कि आखिरकार किस तरीके से सफल हो पाए हैं।ऐसे में लोगों में चर्चाएं थीं कि चकिया विधानसभा क्षेत्र के ही दोनों लोग यानि विधायक और जिलाध्यक्ष रहने वाले हैं तो अपने गृह क्षेत्र में कितना सफल होंगे या वक्त बतायेगा। लेकिन चुनाव परिणाम के यह साफ हो गया कि अपनी प्रतिष्ठा बचाने दोनों लोग विधायक और जिलाध्यक्ष नाकामयाब साबित हुई। लोगों ने कहा कि जिस तरीके से विधानसभा क्षेत्र में भाजपा जमीन पर उतरी थी अगर ऐसे में मेहनत की होती तो शायद जीत दिला सकते थे लेकिन कार्यकर्ता और पदाधिकारी केवल फोटोबाजी करते रहे गये,जिसका खामियाजा अपना दल एस प्रत्याशी रिंकी कोल को भुगतना पड़ा।

भाजपा के एक पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अगर भाजपा के नेताओं ने पूरी ताकत लगाई होती परिणाम कुछ और ही होता।और यहां अपना दल को हार का मुंह न देखना पड़ता। क्योंकि जिस तरीके से भाजपा में पन्ना प्रमुख बूथ प्रमुख से लेकर कार्यकर्ताओं और पदाधिकारी की बूथ पर रात्रि प्रवास इत्यादि अभियान के माध्यम से प्रचार प्रसार करने की जिम्मेदारी दी गई थी, ऐसी स्थितियों में केवल खानापूर्ति की गई। और बीजेपी के कुछ ऐसे भी चेहरे थे जो की किसी बड़े कार्यक्रमों में सीधे मंच पर जगह लेते हैं लेकिन चुनाव के प्रचार-प्रसार अभियान से दूरी बनाए रखें, और किसी का नतीजा निकला कि भाजपा और अपना दल के सारे समीकरण यहां पर फेल साबित हुए और किसी भी हद तक कामयाबी नहीं मिल सकी।

*महिला पदाधिकारी भी दिखी गायब*
आपको बताते चने की लोकसभा के चुनाव में अपना दल एस की हार की एक और वजह रही कि चकिया विधानसभा क्षेत्र में महिला पदाधिकारियों ने सक्रियता नहीं दिखाई।और अपने जिम्मेदारियों का निर्वहन सही से नहीं किया। अगर हम बात कर लें �तो केवल एक महिला पदाधिकारी नगर पंचायत के वार्ड नंबर 6 की सभासद मीना विश्वकर्मा ने अपने दम पर क्षेत्र के विभिन्न गांवों में भ्रमण कर महिलाओं के बीच क्या करूं उनको जागरूक कर अपना दल के पक्ष में समर्थन मांगने का काम किया। अन्य महिला पदाधिकारी केवल फोटो तक सीमित रहीं। ऐसे में लोगों ने सवाल उठाया कि नगर पंचायत के चुनाव में टिकट की दावेदारी करने में कई महिला पदाधिकारियों ने अपनी दावेदारी पेश की थी,जिसमें कि कुछ चर्चित चेहरे के तौर भी नजर आई थीं लेकिन अपना दल एस प्रत्याशी के साथ फोटो खिंचवाना और दिन की बजाय रात में अपने घर के बाहर से फोटो खिंचवाकर प्रचार प्रसार का नाम देने वाली पदाधिकारी कभी क्षेत्र में भ्रमणशील नहीं रहीं। वहीं अगर पूरे लोकसभा की बात करें तो चकिया विधानसभा के अलावा अन्य चार लोकसभा में प्रत्याशी के साथ महिला पदाधिकारी ने भी गांव-गांव घूम कर खूब मेहनत से प्रचार प्रसार किया था।

*भाजपा के कई नेताओं ने कर दिया भीतरघात*
सूत्रों ने बताया कि लोकसभा के चुनाव में पार्टी में रहे कुछ अहम पदों बैठे पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने अपना दल एस प्रत्याशी रिंकी कोल को जिताने की बजाय ऊपर से तो भाजपा में दिखाई देते रहे, लेकिन अंदर से भीतरघात करते हुए गठबंधन प्रत्याशी छोटेलाल खरवार की तरफ अपना रूख मोड़ लिया।जिससे अद एस प्रत्याशी रिंकी कोल मजबूती नहीं मिल सकी।

*रक्षा मंत्री और डिप्टी सीएम के जनसभा का भी नहीं दिखा असर*

आपको बताते चलें कि लोकसभा चुनाव में राबर्ट्सगंज संसदीय सीट से अपना दल एस प्रत्याशी रिंकी कोल के लिए भाजपा और अपना दल एस ने पूरी ताकत लगा दी थी।और जातिगत समीकरण के आधार पर मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए पार्टी द्वारा चकिया विधानसभा क्षेत्र के तिलौरी गांव में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या की जनसभा तथा उसके अगले दिन शहाबगंज में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कीचुनवी जनसभा की गई थी। और मतदाताओंको जातिगत समीकरण के आधार पर साधने की कोशिश हुई थी। लेकिन भाजपा की वह कोशिश भी पूरी तरह से नाकाम साबित हुई। और जनसभाका कोई भी असर मतदाताओं पर नहीं दिखा। मतदाताओं ने अपनी मर्जी से अपने चाहने वाले प्रत्याशी को मतदान किया।