सपा बसपा और भाजपा का सियासी गणित हुआ फेल,अब जनता इस विकल्प पर...

जौनपुर यूपी
उत्तर प्रदेश के 73 लोकसभा सीट जौनपुर के लिए मतदान छटे चरण में अर्थात 25 मई को होना है,बसपा के कब्जे वाली इस सीट पर एक तरफ जहां भाजपा से पूर्व गृह राज्य मंत्री महाराष्ट्र सरकार कृपा शंकर सिंह मैदान में है तो वहीं सपा ने बसपा सरकार में मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा पर दांव खेला है,वहीं बसपा ने आखिरी समय में बेहद नाटकीय ढंग से वर्तमान सांसद श्याम सिंह यादव का नामांकन अपने सिंबल पर करवा कर चुनावी मैदान में दांव चला है।

भाजपा एक तरफ क्षत्रिय और ब्राहमण वोटों के भरोसे तो सपा मुस्लिम और यादव मतों और बसपा दलित वोटरों को अपना कोर वोटर मान चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग को साधने के लिए साम दाम दण्ड भेद का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन अपना दल कमेरावादी ने शाह आलम तो समाज विकास क्रांति पार्टी से अशोक सिंह ने सपा और भाजपा के सियासी गणित को खराब कर दिया है,वहीं दूसरी तरफ बाहरी प्रत्याशियों की वजह से इस चुनाव में मतदाताओं में भी वो जोश नहीं दिख रहा जो आम तौर से चुनाव के समय दिखाई देता है।
हम ने इस मुद्दे पर बसपा के वरिष्ठ नेता शहनवाज आलम से बातचीत की तो उन्होंने कहा जहां तक मुस्लिम वोटरों की बात है तो विधानसभा चुनाव के दौरान सपा को एकतरफा सपोर्ट करने वाले मुसलमानों में मायूसी देखने को मिल रही है और कहीं न कहीं मुस्लिमों का सपा से मोह भंग होता दिखाई दे रहा है क्योंकि मुस्लिम मतों की राजनीति करने वाली सपा जरूरत पड़ने पर मुसलमानों का नाम लेने से भी भागती दिखाई दे रही है, आलम ने कहा कि सपा प्रत्याशी बाबू सिंह कुशवाहा ने बसपा से निकालने के बाद भाजपा की राजनीति की है और अब सपा की साइकल पर सवार होकर सेक्युलर बनने का नाटक कर रहे, हैं,वहीं कुशवाहा पर 25 से अधिक अपराधिक मामले दर्ज हैं उनमें से कुछ मुकदमे अपने आखिरी दौर में हैं ऐसे में कल को काल कोठरी जाने से बचने के लिए कुशवाहा जी अंतर आत्मा की आवाज सुन भाजपा में चले जाएं यह कोई बड़ी बात नहीं है।

वहीं AIMIM के जिलाध्यक्ष इमरान बंटी की मानें तो तथाकथित सेक्युलर दल हमेशा से मुसलमानों ठगते आरहे है,जौनपुर में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 3 लाख है ऐसे में मजलिस ने अपना दल कमेरावादी के बैनर तले शाह आलम को मैदान में उतारा है,हमारा प्रत्याशी सबसे साफ सुथरी छवि वाला है और यही वजह है कि हमें मुस्लिमों के साथ साथ लगातार कुर्मी और पाल वोटरों का भरपूर समर्थन मिल रहा है।

वहीं अशोक सिंह की बात करें तो उन्होंने भाजपा के क्षत्रिय वोटों में जबरदस्त सेंध लगाई है,शायद यही वजह है कि चुनावी मैदान में आने के बाद से उन्हें पुलिस द्वारा 2 बार गिरफ्तार किया जा चुका है,उनका आरोप है कि भाजपा के लोग उनका चुनाव प्रभावित करने की भरपूर कोशिश में लगे हुवे है,जौनपुर की गद्दी पर कौन बैठेगा यह तो 4 जून के नतीजे बताएंगे लेकिन कोर वोटरों में सेंध लगने,बाहरी प्रत्याशियों के आने और वर्तमान सांसद के उदासीन रवय्ये की वजह से जौनपुर के मतदाताओं में मायूसी देखने को मिल रही है ऐसे में जौनपुर की जनता किसी अन्य विकल्प की तलाश में भटकती दिखाई दे रही है।