बीएसपी के पोलिंग एजेंट की दबंगों ने की हत्या, बचाने आए पत्नी-बच्चों को भी पीटा, मतदान के बाद घात लगाकर बोला था हमला, इलाज के दौरान हुई मौत

हरदोई। बिलग्राम क्षेत्र में मतदान समाप्त होने के बाद चुनावी विवाद में बीएसपी के पोलिंग एजेंट पर हमला बोल दिया गया, बचाने आई उसकी पत्नी और बच्चों को भी दबंगों ने पीट दिया। घटना के बाद पीड़ित की इलाज के दौरान मौत हो गई। घटना की सूचना परिवार के लोगों ने स्थानीय पुलिस को दी। आरोप है कि मौके पर दरोगा पहुंचे। वहां पर जब यदुनंदन के बेटे ने पूरी वारदात का वीडियो दरोगा को दिखाया तो उन्होंने पहले उसे धमका करके वह वीडियो डिलीट कर दिया। फिर बिना कोई कार्रवाई किए भगा दिया। पत्नी का आरोप है कि पुलिस की मिली भगत से उसके पति की हत्या कर दी गई।

जानकारी के मुताबिक, गनीपुर गांव निवासी यदुनंदन (42) बसपा का पोलिंग एजेंट बना हुआ था। यहीं पर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि सूपिन शुक्ला और उनके साथियों के साथ दिन में वोटिंग को लेकर कुछ छींटाकशी के बाद तनातनी हुई थी। आरोप है कि शाम को मतदान समाप्त होने के बाद मतदान केंद्र से यदुनंदन बाहर निकला। इसके बाद रास्ते में पहले से घात लगाए सूपिन शुक्ला और उसके साथियों ने उसे पकड़ लिया। फिर बेरहमी से लाठी डंडों से पीट-पीटकर मरणासन्न कर दिया। चीख पुकार सुनकर बचाने गई पत्नी और बच्चों को भी दबंगों ने पीटा। आरोपी यदुनंदन को मृत समझकर भाग गए।

परिवार के लोगों ने पहले उसे हरदोई के अस्पताल में भर्ती कराया यहां हालत नाजुक होने पर लखनऊ रेफर किया गया। लखनऊ में उपचार के दौरान मंगलवार की सुबह उसकी मौत हो गई। घटना के बाद से गांव में तनातनी का माहौल है। ग्रामीण बताते हैं कि दोनों पक्षों में पुरानी रंजिश चली आ रही है, मुकदमे बाजी भी चल रही है।

थानाध्यक्ष नारायण कुशवाहा का कहना है कि मामले की जानकारी किसी ने नही दी थी। कोई भी व्यक्ति थाने शिकायत करने नहीं आया। तहरीर मिलने पर रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी।

पीड़ित परिवार के मुताबिक, मारपीट की घटना की सूचना परिवार के लोगों ने स्थानीय पुलिस को दी। आरोप है कि मौके पर दरोगा पहुंचे। वहां पर जब यदुनंदन के बेटे ने पूरी वारदात का वीडियो दरोगा को दिखाया तो उन्होंने पहले उसे धमका करके वह वीडियो डिलीट कर दिया। फिर बिना कोई कार्रवाई किए भगा दिया। पत्नी का आरोप है कि पुलिस की मिली भगत से उसके पति की हत्या कर दी गई। कोई रिपोर्ट तक नहीं लिखी गई। यहां तक कि बिना पुलिस की कार्रवाई के ही उन्हें इलाज के लिए दौड़ना पड़ा। वहीं पुलिस आरोपों को झूठा करार दे रही है।

गांव के लोगों ने बताया कि यदुनंदन का विवाद कुछ वर्ष पहले पेड़ काटने को लेकर हुआ था। यदुनंदन ने गांव के सूपिन शुक्ला के खिलाफ पुलिस से शिकायत की थी, तभी से सूपिन शुक्ला रंजिश मानते चला आ रहा है। जिसको लेकर लगातार यदुनंदन पुलिस से न्याय की गुहार लगाता रहा पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पीड़ित परिवार का आरोप है कि आरोपी को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। सत्ताधारी पार्टी के क्षेत्रीय नेताओं के शह पर आरोपी कई गैर कानूनी कामों में लिप्त है, लेकिन पुलिस सत्ता के दबाव में आंखें फेर लेती है।

एएसपी पूर्वी नृपेंद्र कुमार ने बताया कि रघुनंदन और सूपिन शुक्ला के बीच वाद विवाद के बाद मारपीट की घटना हुई थी। जिसके बाद घायल को सीएचसी में भर्ती कराया गया, बाद में लखनऊ रेफर कर दिया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस मामला दर्ज कर विधिक कार्रवाई में जुटी हुई हैं।