चौथी बार सपा जिलाध्यक्ष बने शराफत अली, विवादित कार्यशैली को लेकर वीरे को हटाया गया, कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर

हरदोई। समाजवादी पार्टी के विवादित जिला अध्यक्ष को राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बदल दिया है। लोकसभा प्रत्याशी को सामने जिलाध्यक्ष और कार्यकर्ताओं में विवाद हुआ था। इसके बाद लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी में बदलाव किया गया है। जिससे पार्टी के आम कार्यकर्ताओं ने राहत की सांस ली है।

बताते चलें कि समाजवादी पार्टी ने वीरेंद्र यादव वीरे को पार्टी का जिला अध्यक्ष बनाया था। हिस्ट्रीशीटर वीरे यादव अध्यक्ष बनने के बाद से पार्टी को अपने नियमों से चलाने लगे। जिला अध्यक्ष की तानाशाही के कारण कई बार पार्टी कार्यालय पर विवाद हुआ। लोकसभा चुनाव से पहले बुलाई गई मासिक बैठक में पार्टी जिला अध्यक्ष ने पूर्व एमएलसी राजपाल कश्यप का नारा लगाने पर तमाम सपाइयों को पार्टी कार्यालय पर धमकाया और भाग जाने की धमकी दी।

इसकी शिकायत राष्ट्रीय अध्यक्ष तक पहुंची, यही नहीं जिला अध्यक्ष द्वारा किए गए तमाम कारनामों की फेहरिस्त अखिलेश यादव के पास आम कार्यकर्ताओं ने पहुंचाई। साथ ही लोकसभा चुनाव में वीरे के अध्यक्ष बने रहने पर पार्टी को तमाम नुकसान होने की बात भी बताई गई। जिला अध्यक्ष की तमाम शिकायतें सुन अखिलेश यादव ने गोपनीय रूप से शिकायतों की जांच कराई। जिसमें शिकायतों की पुष्टि हुई।

शिकायत में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पाया कि जिला अध्यक्ष व उनके पुत्र ही पूरी पार्टी को अपने हिसाब से चला रहे है। उन्हें यह भी मालूम हुआ कि लोकसभा चुनाव में अगर यही जिला अध्यक्ष रहे तो पार्टी को जिले में कार्यकर्ता भी ढूंढे नहीं मिलेंगे। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पूर्व में अध्यक्ष रहे शराफत अली को पार्टी का नया जिला अध्यक्ष घोषित किया। शराफत के अध्यक्ष बनने पर तमाम कार्यकर्ताओं ने राहत की सांस ली है, साथ ही यह भी कहा कि अब जिलाध्यक्ष की तानाशाही से नहीं समाजवादी पार्टी के विचारों से जिला चलेगा। शराफत अली साफ सुथरी छवि के नेता है और अपनी कार्यशैली को लेकर चौथी बार सपा जिलाध्यक्ष नियुक्त किए गए है।