कन्नौज: एन्टी करप्शन टीम को गुमराह कर विभाग को बदनाम करने वाले शिक्षक को बीएसए ने किया निलंबित

कन्नौज। पिछले दिनों बेसिक शिक्षा विभाग के एक बाबू के खिलाफ हुई एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई विवादों के घेरे में है। जिस शिक्षक ने बाबू पर एरियर निकालने के बदले रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था, विभागीय जांच में उसकी शिकायत ही गलत निकली है। जांच में पाया गया है कि शिक्षक ने पूरे मामले में गुमराह किया है। इस मामले में बीएसए ने शिकायतकर्ता शिक्षक को निलंबित कर दिया है। उसके खिलाफ जांच भी बैठा दी गई है।

हालांकि एंटी करप्शन टीम की पूरी कार्रवाई ही सवालों के घेरे में है। बीएसए कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे में एंटी करप्शन टीम की पूरी कार्रवाई ही गलत दिख रही है। वीडियो सामने आने के बाद उठ रहे सवाल की हकीकत जानने के लिए एंटी करप्शन यूनिट की ओर से जांच की जा रही है। पिछले दिनों लखनऊ से एंटी करप्शन यूनिट की एएसपी इंदु प्रभा सिंह ने यहां लगातार दो दिन आकर जरूरी जांच की है।

इस बीच बीएसए ने शिकायत करने वाले गुगरापुर ब्लॉक के गौरी बांगर प्राइमरी स्कूल में तैनात सहायक अध्यापक अनुराग सिंह की शिकायतों की जांच की तो मामला गलत निकला है। बीएसए उपासना रानी वर्मा ने कहा कि शिकायतकर्ता शिक्षक ने एंटी करप्शन टीम को गलत तथ्य बताए। अभी उसके अभिलेखों की सत्यापन रिपोर्ट नहीं आई है। इसी आधार पर उसका एरियर लंबित है। यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है। उन्होंन बताया कि गलत और तथ्यहीन आरोप लगाने के मामले में और जांच टीम के सामने बुलाने पर भी अपना पक्ष रखने के लिए न आने के कारण उन्हें विभागीय नियमों के तहत निलंबित कर दिया गया है। विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। जांच पूरी होने तक अनुराग सिंह को छिबरामऊ के टड़हा सिंहपुर सि्थत कंपोजिट स्कूल में संबंद्ध किया गया है। इस पूरे प्रकरण की जांच बीईओ तालग्राम व बीईओ जलालाबाद को सौंपी गई है।

बीएसए ने कराई जांच, इस आधार पर की कार्रवाई

बीएसए उपासना रानी वर्मा ने बताया कि शिकायत करने वाले शिक्षक अनुराग सिंह का पूरा दावा ही गलत है। उसने एंटी करप्शन से शिकायत की कि उसका एरियर नहीं मिल रहा है जबकि उसके एरियर के लिए अब तक आदेश जारी नहीं हुआ है। अब तक कानपुर विश्वविद्यालय से उसके बीटेक की डिग्री की सत्यापन रिपोर्ट नहीं आई है। इसी आधार पर शासन के नियमों के तहत उसका अवशेष भुगतान नहीं हो सका है। बीएसए की ओर से जारी निलंबन आदेश के मुताबिक विभागीय जांच में पाया गया है कि पिछले वर्ष तत्कालीन बीएसए कौस्तुभ कुमार सिंह ने 16 जून 2023 को बीईओ गुगरापुर से अनुराग सिंह का पैन और आधार कार्ड सत्यापन कराने को कहा था। उसी आधार पर बीईओ ने छह जुलाई 2023 को आधार और पैन कार्ड सत्यापन की रिपोर्ट भेजी थी। अवशेष भुगतान का आदेश जारी करने से पहले जब पत्रावली का दोबारा परीक्षण किया गया तब पाया गया कि स्नातक की सत्यापन रिपोर्ट नहीं आई है। इसी आधार पर तत्कालीन बीएससए ने चार अगस्त 2023 को छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर से अनुराग सिंह की स्नातक बीटेक सत्यापन प्राप्त करने को कहा गया लेकिन वहां से सत्यापन रिपोर्ट न भेजने के कारण तत्कालीन बीएसए ने पहली सितंबर 2023 को कुलपति को अनुस्मारक पत्र भी भेजा । वहां से अब तक सत्यापन रिपोर्ट नहीं आई है। इसी वजह से अब तक अवशेष भुगतान की प्रक्रिया लंबित है। विभाग की ओर से अवशेष भुगतान का कोई आदेश जारी नहीं किया गय है। इसके बावजूद एंटी करप्शन टीम को गलत जानकारी देकर गुमराह किया गया।

जिसकी शिकायत उसके पास नहीं है जिम्मेदारी

बीएसए की ओर से जारी निलंबन आदेश में कहा गया है कि बीएसए कार्यालय में विमल कुमार पांडेय के कक्ष में ही एक अतिरिक्त लगी डीवीआर में रिकार्डेड डाटा /सीसीटीवी फुटेज को देखने पर यह स्पष्ट है कि शिकायत करने वाले अनुराग सिंह ने एक साथी की मदद से विमल के पैरों के पास फाइल से जबरदस्ती रुपये गिरा कर उनके साथ मारपीट की। इसके बाद एंटी करप्शन टीम ने उन्हें पकड़ा। सीसीटीवी फुटेज में उपलब्ध साक्ष्यों से स्पष्ट है, कि शिकायतकर्ता ने साजिश रचकर यह कार्रवाई करवाई है। इससे विभाग की छवि खराब हुई है। 69,000 शिक्षक भर्ती व उससे संबंधित एरियर के आदेश का काम विमल पांडेय के पास नहीं है। बीएसए के कार्यालय कक्ष में लगी सीसीटीवी की एनवीआर को साथियों की मदद से चोरी कर ली गई, ताकि सच सामने न आ सके। इस सारे बिंदुओं को ध्यान में रखकर निलंबन करने की कार्रवाई की गई है।