नौकरी लगवाने का झांसा दे महंत और साथियों ने पांच लाख ठगे

बरेली नौकरी दिलाने के नाम पर एक महंत और उसके साथियों ने कई लोगों से पांच लाख रुपये की ठगी कर ली। नौकरी न लगने पर आरोपियों से पैसे मांगे तो आरोपी फरार हो गया पीड़ितों ने मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत भेजी, जिसके बाद इज्जतनगर थाना पुलिस ने प्रतापगढ़ निवासी महंत बदायूं निवासी एक व्यक्ति समेत तीन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है। इज्जतनगर के गांव अलखिया निवासी प्रेमपाल ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में बताया कि मार्च 2023 में वह बदायूं जिले के थाना फैजगंज बेहटा के आसफपुर गांव में पुल वाले सिद्ध बाबा मंदिर पर टाइल्स लगाने गया था। इसी दौरान उनकी पहचान श्यामपुर निवासी राजवीर और प्रतापगढ़ जिले के कोटी अकबरपुर समसपुर निवासी महंत बाबा लक्ष्मणदास से हो गई।राजवीर और लक्ष्मणदास ने बताया कि सचिवालय में उनकी अच्छी पहुंच है। वह वन विभाग और बाल विकास विभाग में रिक्तियां निकलने पर नौकरी लगवा सकता है। कुछ दिन बाद आरोपियों ने बताया कि रिक्तियां निकली हैं और दो लाख रुपये देने होंगे।दोनों की बातों पर भरोसा करके प्रेमपाल ने बेटी रूबी की नौकरी लगवाने के लिए एक लाख रुपये दे दिए और कुछ दिन बाद लक्ष्मणदास ने एक नियुक्ति पत्र दिया। जिस पर सचिव अनामिका सिंह के नाम के हस्ताक्षर थे।आठ मई को दोपहर 12 बजे राजवीर और लक्ष्मणदास पीड़ित के घर पर आए और वन विभाग में नौकरी लगवाने की बात कही।आरोपियों ने उनके साले कैंट के पालपुर निवासी तनुज व तरुण के अलावा ऊधमसिंह नगर के गांव भकाय थाना किच्छा निवासी नेमचंद्र और अनिल से चार लाख रुपये ले लिए।भेज दिए फर्जी नियुक्ति पत्र मई में राजवीर ने अनिल, तनुज और नेमचंद्र के व्हाट्सएप पर नियुक्ति पत्र भेजे और कहा कि डाक से नियुक्त पत्र मिलने पर चार्ज लेने के लिए पहुंच जाना। कई माह तक जब नियुक्त पत्र नहीं आए तो पता चला कि व्हाट्सएप पर फर्जी नियुक्ति पत्र भेजे गए थे। जब पैसे वापस मांगने के लिए मंदिर पर पहुंचे तो पता चला कि लक्ष्मणदास फरार हो चुका है तो राजवीर से रुपये मांगे। इस पर राजवीर जान से मारने की धमकी देते हुए भगा दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय के आदेश पर इज्जतनगर पुलिस नेआरोपी लक्ष्मणदास, राजवीर और अनामिका सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।