असंख्य ब्रह्मडों का रचियता परमेश्वर कबीर है  .जगतगुरु संत रामपाल जी

मेरठ , कंकरखेड़ा

04 फरवरी 2024
आज अतुल फार्म हाउस खिरवा रोड मेरठ
जिला मेरठ में आज जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में जिला स्तरीय मासिक सत्संग (एलईडी) के माध्यम से आयोजन किया गया ।
जहाँ सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु सत्संग सुनने के लिए पहुंचे सत्संग में संत रामपाल जी महाराज जी ने बताया कि वर्तमान में जितने भी धर्मगुरु हैं उनमें से कोई तो शिवजी को सृष्टि का रचनहार बताते हैं कोई श्री विष्णु या देवी दुर्गा को जबकि सच्चाई तो ये है कि इन धर्म गुरुओं ने हमारे पवित्र सद्ग्रन्थों को गहराई से समझा ही नहीं।
दरअसल , सत्संग से पता चलता है कि
जिन कविर्देव/कबीर साहेब/हक्का कबीर/कबीरन/खबीरन/खबीरा के प्रमाण सभी धर्मो के पवित्र शास्त्रों (वेद, गीता, क़ुरान, बाइबल, गुरुग्रंथ साहिब) में मिलते हैं और जिन्होंने सच्ची भक्ति, साधना बताई वह कबीर साहिब कोई ओर नही बल्कि पूर्ण परमात्मा है जिन्होंने 6 दिन में सृष्टि की रचना की और सातवें दिन तख्त पर जा विराजे।
इतना ही नहीं संत रामपाल जी महाराज जी ने पवित्र अथर्ववेद कांड 4 अनुवाक 1 मंत्र 1 से 7 को खोलकर दिखाया व उंगली रखकर पढा़ कि कबीर परमेश्वर ने सर्व सृष्टि की रचना की।
प्रमाण के लिए पढ़ें
काण्ड नं. 4 अनुवाक नं. 1 मंत्र 7

योऽथर्वाणं पित्तरं देवबन्धुं बृहस्पतिं नमसाव च गच्छात्।
त्वं विश्वेषां जनिता यथासः कविर्देवो न दभायत् स्वधावान्।।7।।
भावार्थ है कि उस परमेश्वर का नाम कविर्देव अर्थात् कबीर परमेश्वर है, जिसने सर्व रचना की है।

सत्संग सुनने आए श्रद्धालु प्रमाण देखकर भौंचक्के रह गए व काफी संख्या श्रद्धालुओ ने संत रामपाल जी महाराज जी से नाम उपदेश ग्रहण करने पर विचार किया ।

*समाज में फैली बुराई और कुरीतियों को केवल परमेश्वर कबीर साहिब के तत्व ज्ञान से ही दूर किया जा सकता है .......संत रामपाल जी महाराज*


जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य आज के शिक्षित समाज को परमेश्वर कबीर साहिब जी की विचारधारा पर चलाकर व सतभक्ति देकर मोक्ष प्राप्त करवाना है।
और युवाओं में नैतिक व आध्यात्मिक जागरूकता लाना ,समाज से जात पात का भेदभाव को मिटाना ,समाज को हर प्रकार के नशे दूर करना, समाज में दहेज रूपी कुरीति को जड़ से खत्म करने के बारे में जोर देते हुए सत्संग का आयोजन रखा गया ।
सत्संग के दौरान जिला मेरठ के सेवादार विनीत दास ,राजेंद्र दास , विक्रम दास, दिनेश और दुर्गपाल दास भी शामिल रहे ।