माता-पिता के हत्यारे वकील को कोर्ट ने दी फांसी की सजा

बरेली। करीब तीन साल पहले मीरगंज थाना क्षेत्र में संपत्ति विवाद को लेकर वकील दुर्वेश कुमार ने गोली मारकर अपने माता-पिता की हत्या कर दी थी। कुछ दिन बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया था। मंगलवार को उसे सजा सुनाई गई। अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 14 ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने उसे फांसी की सजा सुनाई है। सजा सुनकर कटघरे में खड़ा दुर्वेश स्तब्ध रह गया। 13 अक्तूबर 2020 को मीरगंज के बहरोली गांव में प्राइमरी स्कूल के रिटायर्ड शिक्षक लालता प्रसाद व उनकी पत्नी मोहन देवी को उनके बड़े बेटे दुर्वेश कुमार ने घर जाकर गोली मार दी थी। दंपती की मौके पर ही मौत हो गई थी।दुर्वेश मीरगंज में रहकर वकालत करता था। वह इस बात से परेशान था कि पिता अपनी ज्यादातर संपत्ति उसके छोटे भाई उमेश को दे रहे थे। घटना वाले दिन वह सुबह के वक्त कंधे पर पौनिया बंदूक टांगकर गांव पहुंचा और पिता को गोली मार दी। मां चीखती हुई घर से बाहर निकलीं तो बंदूक लोड कर दूसरी गोली उनके सीने में उतार दी। दोनों की ही मौके पर मौत हो गई थी। छोटे भाई उमेश ने दुर्वेश के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। तीन साल बाद इस मामले में फैसला सुनाया गया है। चूंकि आरोपी खुद वकील रहा है और उसे कानून का ज्ञान है, इसलिए अदालत ने इस केस को विरल से भी विरलतम अपराध मानकर फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही दस हजार रुपये का जुर्माना भी डाला है। जुर्माना न देने की स्थिति में उसे तीन महीने अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना पड़ेगा।