नशे के गिरफ्त में नवयुवकों का भविष्य,फल फूल रहा नशा कारोबार

रायबरेली।आए दिन जनपद में पुलिस विभाग की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में गांजा और स्मैक का नशा करने वालों को पुलिस पकड़कर नाजायज गांजा तस्कर बना कर अपना पीठ थप थपा कर एनडीपीएस एक्ट के तहत जेल भेजकर अपने दायित्वों की इतिश्री कर लेती है।वही कुछ नशेड़ियों का जेल आना जाना बराबर लगा रहता है।वही जब पकड़े गए युवकों के परिजनों से बात चीत की गई और परिजनों की बातों पर गौर करे तो गांजा स्मैक का सेवन जरूर करतें है।लेकिन बेंचता नही है,वही दूसरी तरफ पुलिस विभाग की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति पर गौर करें तो कभी 900 ग्राम नाजायज गांजा/स्मैक और कभी 500 ग्राम नाजायज गांजा/स्मैक दिखाकर जेल भेजा जा चुका है।घटना का समय और स्थान ऐसा जगह का दिया जाता है जहां पर कोई न हो और किसी ने देखा न हो।ऐसे स्थान और समय को जारी प्रेस विज्ञप्ति में दिया जाता है।जबकि रायबरेली जनपद के ऊंचाहार कोतवाली क्षेत्र में दो जगहों पर खुलेआम गांजा व्यापारियों का कार्य फल फूल रहा है।गांजा व्यापारी जब चाहे जिसे चाहे उसे गांजा/स्मैक में जेल के अंदर भिजवा सकता है।क्योंकि कोतवाली या चौकी से कुछ सूत्रधार सुविधा शुल्क के साथ पूर्ण साथ देते है।क्योंकि मुख्य गांजा व्यापारी को पकड़ने पर सारा खेल खत्म हो जाएगा।मुख्य व्यापारी के बताए व्यक्ति को उठाने पर लोक लाज के भय से ठीक ठाक सुविधा शुल्क भी मिल जाता है,सुविधा शुल्क न मिलने पर पुलिस चालान करती है।पहले सौदा होता है,जब बात नही बनती तब एनडीपीएस एक्ट या आर्म एक्ट के तहत जेल भेजने का कार्यक्रम चालू होता है।क्योंकि मुख्य व्यवसाई की पकड़ बहुत मजबूत है।गांजा और स्मैक का व्यापार कोतवाली क्षेत्र में इस कदर फल फूल रहा है जिसका कोई जवाब नही है,छोटी छोटी दुकानों पर टाफी और बिस्किट की तरह बिक रहा है।यह सारा खेल पुलिस के नाक के नीचे हो रहा है।समाज के रक्षक,समाज की रक्षा के बजाय ऐसे व्यक्तियों को प्रोटेक्शन देते है जो समाज के नवयुवकों के लिए घातक है।नव युवकों पर नशा इस कदर हावी है।जिसका कोई जवाब नही है।पहले स्मैक तस्करी फिल्मों में दिखाई जाती थी।अब खुले आम गांव और देहातो में होती है।फिलहाल वर्तमान में नवयुवकों का भगवान ही मालिक है उन्हे किस रास्ते पर ले जाए,क्योंकि समाज रक्षकों से उम्मीद रखना अपने आप को धोखा देने के बराबर है।एक कहावत है की जो मुर्गी रोज एक सोने का अंडा देती है अगर उस मुर्गी को हलाल किया तो मुर्गी मर जायेगी और प्रतिदिन एक सोने का अंडा भी मिलना बंद हो जाएगा।ये बात गांजा/स्मैक तस्कर और पुलिस का आपसी सामंजस्य पर फिट बैठती है।जिस पर कार्यवाही की बात करना रेत में जहाज चलाने जैसा है।क्योंकि पूर्व में भी कई बार ऐसी जगहों पर छापेमारी हो चुकी है,इस व्यवसाय के बड़े व्यापारी जनपद के सीमा पर बसे हुए है,तो दूसरा ऊंचाहार कोतवाली क्षेत्र के सीमा पर बसा हुआ है।