अनियमित रूप से बिना अस्पतालों के चल रहे पैरामेडिकल कालेज शिक्षा व्यवस्था को कर रहे हैं खोखला

जौनपुर यूपी।

उत्तर प्रदेश सरकार ने भले ही पैरा मेडिकल कालेज खोलने और उसकी मान्यता को लेकर कुछ मानक तय करते हुवे दिशा निर्देश जारी किए हों लेकिन इन दिशा निर्देशों और मानकों का असर जिले में खुले पैरा मेडिकल कालेजों में दिखाई नहीं दे रहा है,गौर तलब रहे कि शासन की मंशा के अनुसार किसी भी पैरा मेडिकल कालेज के पास नगरीय क्षेत्र में 1 एकड़ और ग्रामीण क्षेत्र में 2 एकड़ जमीन का होना जरूरी है,जबकि भवन का 1 हजार वर्ग मीटर का होना जरूरी बताया गया वहीं एक से अधिक कोर्स चलाने के लिए प्रत्येक कोर्स पर 2 सौ वर्ग मीटर का अलग भवन होना भी जरूरी है,इसके इलावा छात्रों के प्रशिक्षण के लिए कालेज प्रबंधन का 100 बेड का अस्पताल होना जरूरी है।

इतनी गाइडलाइंस के बावजूद जिले भर के अलग अलग हिस्सों में शासन की मंशा के खिलाफ चल रहे पैरा मेडिकल कालेज न सिर्फ छात्रों का भविष्य बरबाद कर रहे हैं बल्कि शासन के दिशा निर्देशों को भी ठेंगा दिखा रहे हैं,सूत्रों की मानें तो कई पैरा मेडिकल कालेज तो सिर्फ चंद कमरों के किराए के भवनों में भी चल रहे हैं,जबकि कालेज शुरू करने के लिए आवेदन के बाद अधिकारी द्वारा स्थलीय निरक्षण भी किया जाता है,ऐसे में इस तरह के कालेजों का बिना अधिकारियों की मिलीभगत के चलना संभव नहीं है।

फिलहाल जिले में ऐसे दर्जनों कालेज चल रहे हैं जहां न तो छात्रों के प्रशिक्षण के लिए कोई अस्पताल है और न ही काबिल टीचर,ऐसे में इस तरह के कालेज न सिर्फ छात्रों का कैरियर बरबाद कर रहे हैं बल्कि देश की शिक्षा व्यवस्था को भी खोखला कर रहे हैं।