पीलीभीत जनपद में पुलिस महकमा हुआ शर्मसार,बीस हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन टीम ने दरोगा महेंद्र सिंह को किया गिरफ्तार,भ्रष्टाचार संबंधी अन्य धाराओं में हुआ आरोपित दरोगा के खिलाफ

पीलीभीत जनपद में पुलिस महकमा हुआ शर्मसार,बीस हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन टीम ने दरोगा महेंद्र सिंह को किया गिरफ्तार,भ्रष्टाचार संबंधी अन्य धाराओं में हुआ आरोपित दरोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज

राजेश गुप्ता संवाददाता।

यूपी के जिला पीलीभीत में एक रिश्वतखोर दरोगा के कारण पूरा पुलिस महकमा शर्मसार हो गया है।376D गैंग रेप के मुकदमे में एक आरोपी से 20,000 रुपए रिश्वत लेते हुए अमरिया थाने में तैनात दरोगा महेंद्र सिंह को एंटी करप्शन टीम में धर दबोचा है। एंटी करप्शन टीम की रिपोर्ट पर पीलीभीत एसपी अतुल शर्मा ने रिश्वतखोर दरोगा महेंद्र सिंह को तत्काल सस्पेंड कर दिया है। आरोपित दरोगा को सुनगढ़ी थाने लाकर एंटी करप्शन टीम ने भ्रष्टाचार संबंधी अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। गिरफ्तार दरोगा महेंद्र सिंह उत्तर प्रदेश के जनपद आजमगढ़ का रहने वाला है।आपको बता दें उत्तराखंड के जिला अल्मोड़ा के कस्बा द्वाराहाट निवासी व्यापारी अजय पांडे ने बरेली जाकर भ्रष्टाचार निवारण संगठन के कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई कि गैंग रेप के मुकदमे से संबंधित अमरिया थाने के दरोगा महेंद्र सिंह यादव जो मुकदमे की विवेचक हैं बह विवेचना से नाम निकालने के एवज में रिश्वत देने का दबाव बना रहे हैं।वह विवेचक को रिश्वत नहीं देना चाहता है और कार्रवाई करना चाहता है।इस शिकायत पर भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने शिकायती प्रार्थना पत्र का अवलोकन करते हुए आरोपी दारोगा को पकड़ने की रणनीति तय की गई।अपने निर्धारित कार्यक्रम के अंतर्गत सोमवार को एंटी करप्शन की टीम पीलीभीत आ गई।टीम ने शिकायतकर्ता अजय पांडे से संपर्क साधा और इसके बाद जिलाधिकारी से मिलकर दो स्वतंत्र गवाह मांगे। बतौर गवाह कलेक्ट्रेट के बाबू कैलाश राठौर व वीरेंद्र कुमार को एंटी करप्शन टीम के साथ भेजा गया। टीम ने जिला मुख्यालय से रवाना होते ही गवाहों के मोबाइल आदि स्विच ऑफ करा दिए और उन पर निगरानी बैठा दी गई।एंटी करप्शन की टीम शिकायतकर्ता व स्वतंत्र गवाहों को साथ लेकर जिला मुख्यालय से सीधे अमरिया पहुंच गई।अमरिया में जाकर टीम को ज्ञात हुआ कि दरोगा महेंद्र सिंह यादव जिला मुख्यालय पर वार्षिक शस्त्र शूटिंग में हिस्सा लेने गया है।टीम उसकी वापसी का इंतजार करने लगी।शिकायतकर्ता के संपर्क करने पर पता चला कि दरोगा शाम तक अमरिया पहुंच आयेगा।अमरिया पहुंचते ही दरोगा जब तहसील कार्यालय के पास स्थित यादव मिष्ठान भंडार पर चाय पीने के लिए रुका तो शिकायतकर्ता ने वहां जाकर दरोगा को मांगी गई रिश्वत देनी चाही तो दरोगा ने आवास पर चलकर बात करने के लिए कहा।शिकायतकर्ता अजय पांडे दरोगा महेंद्र सिंह के प्राइवेट आवास पर गया।दरोगा का किराए का आवास अमरिया थाने के बिल्कुल बराबर स्थित गली में था।एंटी करप्शन की टीम आवास के आसपास सादा कपड़ों में दरोगा को रंगे हाथ पकड़ने के लिए लग गई।आसपास गवाह भी मौजूद रहे।जैसे ही अजय पांडे ने दरोगा को 500-500 के 40 नोट उसके हाथ में थमाए,तभी एंटी करप्शन की टीम ने उसको धरदबोचा। स्वतंत्र गवाहों के सामने दरोगा के हाथ से रिश्वत के नोट लेने के बाद उसके हाथ धुलवाए गए,तो उसके हाथ गुलाबी रंग से रंग गए।एंटी करप्शन की टीम ने रिश्वतखोर दरोगा महेंद्र सिंह को खींचकर अपनी प्राइवेट गाड़ी में बिठाया और सीधे सुनगढ़ी थाने लाकर दरोगा महेंद्र सिंह यादव को लिखापढ़त करने के बाद उसका जिला चिकित्सालय में मेडिकल परीक्षण कराया गया।एंटी करप्शन की टीम सुनगढ़ी थाने में रिश्वतखोर दरवा के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के अंतर्गत धारा 7,13(2)13(1)(b) मुकदमा दर्ज कराने के बाद रिश्वतखोर दरोगा को अपने साथ रात में ही बरेली लेकर रवाना हो गई, जिसे मंगलवार को बरेली में विशेष न्यायाधीश (एंटी करप्शन) के कोर्ट में पेश किया जाएगा।यहां आपको बता दे इस प्रकरण में एक माह पहले लिखा गया था 376 डी का मुकदमा।अमरिया थाने में कोर्ट के आदेश पर एक माह पहले घर में घुसकर सामूहिक दुष्कर्म के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था।दर्ज मुकदमा में उत्तराखंड के अल्मोड़ा जनपद के द्वाराहाट निवासी अजय पांडे राधेश्याम और मनोज प्रजापति को नामजद किया गया था।दरोगा महेंद्र सिंह यादव इस मुकदमे के विवेचक थे।दरोगा ने आरोपियों का नाम विवेचना से निकालने और फाइनल रिपोर्ट लगाने के लिए दो लाख रुपये रिश्वत की मांग की।आरोपियों ने इतने पैसे देने से इनकार कर दिया तब मामला 20 हजार पर तय हुआ था जिसको देने के लिए आरोपित एंटी करप्शन टीम के साथ दरोगा के पास रुपए लेकर आए थे।