मैनपुरी में होती है ऑन कॉल डिलीवरी

क्या आपने कराई है ऑन कॉल डिलीवरी

यदि नहीं कराई है तो पहुंचे इस अस्पताल पर और देखें कैसे होती है डिलीवरी

पंकज शाक्य

मैनपुरी- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के द्वारा लगता ही प्रयास किए जा रहे हैं कि प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर बेहतर से बेहतर इंतजाम हों। उसके लिए वह लाखों करोड़ों रुपए भी खर्च कर रहे हैं और संबंधित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सख्त आदेश भी दिए गए हैं कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिसके बाबजूद भी जनपद मैनपुरी में मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के सभी आदेश सफेद हाथी होते हुए नजर आ रहे हैं।

वही आपको बता दें कि जनपद मैनपुरी का स्वास्थ्य विभाग लगातार कार्रवाई की बात कर रहा है। लेकिन इसी बाबजूद भी स्वास्थ्य विभाग की देख रखी में ऐसे झोलाछाप डॉक्टर जो कि पहले कभी दूसरों की दुकानों पर प्रैक्टिस करते थे। अब वह खुद एक डॉक्टर बनकर हॉस्पिटल का संचालन कर रहे हैं। जिनके द्वारा किसी अन्य डॉक्टर से फोन पर बात करके प्रसूताओं और अन्य मरीजों का उपचार धड़ल्ले के साथ कर रहे हैं।

कहां का है पूरा मामला

दरअसल आपको बता दें कि पूरा मामला मैनपुरी जनपद शहर के बीचोंबीच पिपरा घाट रोड पर स्थित आर एन नर्सिंग होम का है। जहां पर प्रसूताओं की फोन कॉल के दौरान डिलीवरी की जा रही है। वहीं अस्पताल में आने वाले मरीजों को डॉक्टर का नाम भी नहीं पता है कि आखिर में कौन डॉक्टर है जो इनका ऑपरेशन करता है। वही जब यह बात मरीज से पूंछी गई तो मरीज ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि हमें नहीं पता है कि हमारा ऑपरेशन किस डॉक्टर ने किया है। डॉक्टर को ना ही हम जानते हैं और ना ही उसे पहचानते हैं। ऐसे में बड़ा सवाल स्वास्थ्य विभाग का है। जहां लोगों की जिंदगी के संग खिलवाड़ करने वाले ऐसे प्राइवेट नर्सिंग होम जो कि अच्छी खासी मोटी रकम वसूल कर लोगों की जिंदगियों से खेल रहे हैं।

हॉस्पिटल संचालक का दावा, ऑन कॉल करा देता है डिलीवरी

यह बात हम नहीं कह रहे हैं खुद एक नर्सिंग होम का संचालक कैमरे के सामने कहता हुआ नजर आ रहा है। उसका दावा यह भी है कि उसके यहां एक लेडिज डॉक्टर एमबीबीएस डिग्री धारकं मरीज का उपचार कर रही है। जबकि उसे समय संचालक द्वारा बताएं गए कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं मिला। वहीं संचालक का यह भी दावा है कि अपन ऑनलाइन कॉल डिलीवरी कर देता है।

आखिर स्वास्थ्य विभाग की कब खुलेगी कुंभकर्णी नींद

बीते तीन माह में पूरे जनपद भर की बात करें तो विभिन्न झोलाछाप डॉक्टरों के गलत उपचार के चलते करीब एक दर्जन मरीजों की मौतें हो चुकी हैं। जिसोई बाबजूद भी आएदिन झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या जिले में बढ़ती ही चली जा रही है। यदि इसी तरह स्वास्थ्य विभाग कुंभकर्णी नींद सोता रहा तो निश्चित ही सूबे के मुखिया और स्वास्थ्य मंत्री का सपना मिट्टी में मिल जायेगा।

हॉस्पिटल के अंदर अंडरगार्मेंट्स में घूमता नजर आया हॉस्पिटल संचालक

वहीं जब मीडिया की टीम समाचार कवरेज करने के लिए आरएन नर्सिंग होम पर पहुंची तो वहां का संचालक खुद अंडर गारमेंट्स में पूरे अस्पताल में घूमता हुआ नजर आ रहा है। जिसके बाद मीडिया से बात की तो वह व्यक्ति खुद को उक्त नर्सिंग होम का संचालक बता रहा है। असल में वही डॉक्टर है जो संचालक और डॉक्टर दोनों ही काम करता है।

क्या स्वास्थ्य विभाग करेगा कार्यवाही

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि विभिन्न समाचार पत्रों में उक्त हॉस्पिटल में नियमों को ताक पर रखते हुए बिना पंजीकरण और बिना किसी प्रशिक्षित चिकित्सक के संचालन किए जाने की खबर को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया गया है। अब देखने वाली बात यह होगी कि स्वास्थ्य विभाग इस पर क्या कार्यवाही करेगा। यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

क्या बोले मुख्य चिकित्सा अधिकारी

वहीं इस मामले को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रमेश चंद्र गुप्ता से बात की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि मामला आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है। निश्चित ही तौर पर टीम को भेजकर जांच कराई जायेगी जांच में जो भी तथ्य निकल कर सामने आएंगे। उसके आधार पर कार्यवाही की जाएगी।