आर एस एस प्रमुख मोहन भागवत के बयान का स्वागत, मुसलमान टकराओं की पोलिसी छोड़ कर इत्यहाद के लिए बढ़ाए हाथ।

बरेली:- राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संचालक श्री मोहन भागवत जी ने कल लखनऊ में एक मीटिंग को संबोधित करते हुए कहा था कि संघ के कार्यकर्ता विभिन्न धर्मों के मानने वालों के साथ ही मुसलमानों से भी बातचीत करें और सम्पर्क बनाए। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि संघ प्रमुख के इस बयान का मैं स्वागत करता हूं, इससे हिन्द व मुस्लिम के तनावपूर्ण माहौल को शांत करने में बेहतरी आएगी और देश में जगह - जगह नेताओं द्वारा दिये जा रहे नफरती भाषणे पर लगाम लगेगा।

मौलाना ने कहा कि देश में सबसे बड़ा संगठन आर एस एस है इस हकीकत से कोई इंकार नहीं कर सकता अगर संघ के कार्यकर्ता अपने प्रमुख की बातों को मानकर जमीनी स्तर पर अच्छा वातावरण बनाने में लग जाए तो हिन्दू और मुसलमानों के दरमियान एक अच्छा और खुश गवार माहौल स्थापित हो सकता है, पुरे भारत से नफ़रत का खात्मा होगा और मोहब्बत की खुशबू हर शहर और हर गांव से महकने लगोगी।

मौलाना ने आगे कहा कि देश और समाज की तरक्की और भलाई के लिए बहुत जरूरी है की संवाद की शुरुआत की जाए , मैंने हमेशा सरकार और मुसलमानो के दरमियान डायलॉग की वकालत की है, और उलमा द्वारा जारी मुस्लिम एजैंडे में भी सरकार व लीडरान और मुसलमानो के दरमियान बातचीत करने का प्रस्ताव रखा है, बस जरूरत इस बात की है कि इन तमाम मुद्दों पर हुकूमत और संघ के जिम्मेदारान डायलॉग का सिलसिला शुरू करें।

मौलाना ने मुसलमानों से अपील की है कि टकराव की पोलिसी को ख़त्म करें और भाईचारा व इत्यहाद के लिए हाथ आगे बढ़ाए, इससे समाज की तरक्की होगी और देश की तरक्की में भाग्यदार बनेंगे।