आयुष्मान कार्ड से इलाज में खेल, कलावती हॉस्पिटल पर लगा दवाइयों के पैसे बसूलने का आरोप

कासगंज। आयुष्मान कार्ड से इलाज के नाम पर शहर के कलावती हॉस्पिटल पर धन वसूली का आरोप लगा है। एक तीमारदार ने आयुष्मान कार्ड होते हुए भी अस्पताल कर्मियों और डॉक्टर द्वारा दबाईयों के रुपये लिए जाने का आरोप लगाया है। इतना ही नही पैसे न दिए जाने पर अस्पताल कर्मचारियों और डॉक्टर द्वारा रोग पीड़ित बच्ची को अस्पताल से बाहर निकालने की बात भी तीमारदार ने कही है।

शहर के सहावर गेट रेलवे लाइन पार निवासी प्रदीप कुमार ने जनसुनवाई पोर्टल पर की गई शिकायत में शहर के नदरई गेट पीडब्ल्यूडी ऑफिस के पास स्थित कलावती हॉस्पिटल के डॉक्टर नवीन चंद गौड़ और अस्पताल कर्मियों पर अवैध वसूली का आरोप लगाया है। प्रदीप कुमार ने बताया कि 28 अप्रैल 2023 सुबह लगभग 11 बजे उन्होंने अपनी बेटी को लगातार कई दिन से बुखार आने के चलते उपरोक्त अस्पताल में ले गए थे। जहां अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारियों द्वारा आयुष्मान कार्ड से इलाज होने की बात कहकर उनकी बेटी को एडमिट कर लिया। जहां अस्पताल कर्मियों द्वारा पहले तो डॉक्टर के पर्चा बनाये जाने के नाम पर उनसे 500 रुपये ले लिए गए, इसके बाद 400 रूपये एक्सरे कर नाम पर बसूल लिए गए। इसके बाद डॉक्टर के बिना देखे ही उनकी बेटी को अस्पताल कर्मियों द्वारा ड्रिप लगाकर दबाइयाँ दी जाने लगीं, जिस पर उन्होंने एतराज जताया और डॉक्टर को बुलाने की बात कही, जिस पर सुबह के एडमिट हुए रात को 10 बजे डॉक्टर नवीन चंद्र गौड़ द्वारा उनकी बेटी को देखा गया।

प्रदीप कुमार ने कलावती हॉस्पिटल के डॉक्टर पर आरोप लगाते हुए कहा कि 29 अप्रैल को भी डॉक्टर ने बिना एक्सरे देखे ही कभी इंजेक्शन और कभी अन्य दबाईयों के नाम पर आयुष्मान कार्ड होते हुए भी उनसे पैसे वसूले। उन्होंने बताया कि 30 अप्रैल 2023 को सुबह 2000 रुपये मांगे जाने पर उन्होंने आयुष्मान कार्ड का हवाला देते हुए पैसे दिए जाने से मना किया तो डॉक्टर नवीन चंद गौड़ और अस्पताल कर्मियों ने उनसे बदसुलूकी करते हुए उनकी बीमार बेटी को अस्पताल से बाहर निकाल दिया और बहुत ही मुश्किल से उनकी बेटी का आयुष्मान कार्ड और आधार कार्ड वापिस किया। जनसुनवाई पोर्टल पर उनके द्वारा की गई शिकायत में उन्होंने अस्पताल के संचालक और कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है। कलावती हॉस्पिटल के संचालक से सम्पर्क न हो पाने के कारण अस्पताल का पक्ष नही रखा जा सका है।