वैष्णव मिष्ठान्न भंडार के विक्रेता और विनिर्माता को लगाया गया 05 लाख रूपए का अर्थदण्ड

मुंगेली -- खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 26 (2)(II) का उल्लंघन करने पर वैष्णव मिष्ठान्न भंडार मुंगेली के विक्रेता संजय वैष्णव और विनिर्माता संतोष वैष्णव पर 05 लाख रूपए का अर्थदण्ड लगाया गया है। कलेक्टर राहुल देव के निर्देश पर अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी तीर्थराज अग्रवाल ने वैष्णव मिष्ठान्न भंडार को अवमानक खाद्य पदार्थ के विक्रय का दोषी मानते हुए अधिनियम की धारा 51,52 के तहत यह कार्यवाही की है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्रीमति पुष्पा तिरकी ने बताया कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम द्वारा विगत दिनों वैष्णव मिष्ठान्न भंडार का निरीक्षण किया गया और वहां विक्रय की जा रही खाद्य सामग्री की जानकारी ली गई। जहां खुला खोवा विक्रय किया जा रहा था। अधिनियम के तहत खाद्य अनुज्ञप्ति पत्र मांगे जाने पर खाद्य पंजीयन की वैधता समाप्त होना पाया गया। जिस पर टीम द्वारा खुला खोवा की जांच हेतु नमूना लेकर उनके सहमति से फार्म-5 ए का सूचना पत्र तैयार कर संचालक को एक प्रति देकर दूसरे प्रति में पावती लिया गया। घटना स्थल की सम्पूर्ण कार्यवाही का मौके पर पंचनामा तैयार किया गया। खाद्य टीम द्वारा लिए गए नमूने के एक भाग को भाग को फार्म-6 की एक प्रति रखकर सील बंद पैकेट तैयार किया गया एवं प्रयोगशाला रायपुर भेजा गया। नमूने के शेष भाग को फार्म-6 की एक प्रति के साथ सील बंद पैकेट तैयार कर अभिहीत अधिकारी खाद्य एवं औषधि प्रशासन मुंगेली के कार्यालय में जमा कराया गया।प्रयोगशाला के प्रतिवेदन अनुसार खाद्य पदार्थ के नमूने को मिथ्याछाप/अवमानक पाया गया है, जिसकी प्रति आरोपी को भेजी गई है,किंतु आरोपी द्वारा खाद्य पदार्थ के नमूने को पुनः स्वयं के खर्च पर प्रयोगशाला से नियमानुसार जांच कराने का प्रयास भी नहीं किया गया है। साथ ही आरोपी द्वारा न्यायालय में नोटिस तामिली पश्चात् उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत किया गया, परंतु कोई ठोस दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया। अतः आरोपी खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 की धारा-26 (2) II का उल्लंघन पाया गया, जो अधिनियम की धारा 51, 52 के तहत दण्डनीय है। अतः संजय वैष्णव (विक्रेता) एवं संतोष वैष्णव (विनिर्माता) फर्म वैष्णव मिष्ठान्न भंडार पड़ाव चौक मुंगेली को अवमानक खाद्य पदार्थ के विक्रय का दोषी मानते हुए अधिनियम की धारा 51,52 के तहत 2.50-2.50 लाख रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।