कंस का वध कर मथुरावासियों को अत्याचार से बचाया : पण्डित राजेंद्र प्रसाद पाण्डेय

आपको बता दें कि बिलग्राम नगर के सांडी रोड स्थित अपने निज निवास में चन्द्र कुमार पाल के परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में आचार्य पंडित राजेंद्र प्रसाद पाण्डेय द्वारा पूतना वध, माखन चोरी लीला , कालिया मर्दन, गोवर्धन पूजा भगवान कृष्ण के मथुरा गमन की कथा सुनाई गई। श्री पाण्डेय ने कंस वध के कथा को प्रस्तुत करते हुए कहा कि भगवान विष्णु के पृथ्वी लोक में अवतरित होने का प्रमुख कारण कंस वध भी था।कंस के अत्याचार से पृथ्वी में जब लोग परेशान हुए तो उन्?होंने भगवान से गुहार लगाई। तब पृथ्वी पर भगवान कृष्ण अवतरित हुए कंस को मालूम था कि उसका वध भगवान श्री कृष्ण के हाथों ही होना निश्चित है। कंस द्वारा बाल्यावस्था में ही श्रीकृष्ण को अनेक बार मानव मरवाने का प्रयास किया गया।लेकिन हर प्रयास में भगवान के सामने कंस असफल ही साबित हुआ। 11 वर्ष की आयु में कंस ने अपने प्रमुख अकरूर के द्वारा मल्ल युद्ध के बहाने कृष्ण बलराम को मथुरा बुलवाकर शक्तिशाली योद्धा और पागल हाथियों से कुचलवाकर मारने का प्रयास किया। लेकिन वह सभी श्री कृष्ण और बलराम के हाथों मारे गए और अंत में से किसने ने अपने मामा कंस का वध कर मथुरा नगरी को कंस के अत्याचारों से मुक्ति दिलाई।कंस वध के बाद श्री कृष्ण ने अपने माता-पिता वसुदेव एवं देवकी को कारागार से मुक्त कराया। कंस द्वारा अपने पिता उग्रसेन महाराज को भी बंदी बनाकर कारागार में रखा गया था उन्हें भी अच्छी श्री कृष्ण ने मुक्त करा कर मथुरा के सिहासन दिया।