एसएसपी पर लटकी कार्रवाई की तलवार

आगरा में बच्ची से दुराचार मामले में आरोपी को दी थी क्लीन चिट

कोर्ट ने आरोपी को दोषी मानकर आजीवन कारावास की सजा


बरेली। नवागत एसएसपी प्रभाकर चौधरी पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। आगरा कोर्ट ने प्रभाकर चौधरी पर कार्रवाई करने के लिए महानिदेशक और पुलिस आयुक्त को आदेश किए हैं। यहीं वजह है कि कभी भी नवागत एसएसपी पर कार्रवाई हो सकती है। पूरा मामला आगरा के जगदीशपुरा थाना क्षेत्र में एक बच्ची से दुराचार का है घटना पांच मई 2013 की है। छह वर्षीय बच्ची की मा लोगों के घरों में कम करने जाती थी, पिता मजदूरी करते थे। दंपती दिलीप चौहान के घर में किराएदार थे। घटना वाले दिन दंपती काम पर गए थे मकान मालिक के पुत्र विपिन ने उनकी छह वर्षीय पुत्री से दुष्कर्म किया था।जिसकी जानकारी होने पर मां ने जगदीशपुरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया था जिसकी विवेचना तत्कालीन सीओ लोहामंडी प्रभाकर चौधरी ने की। उन्होंने एक महीने में विवेचना कर आरोपी को क्लीनचिट दे दी थी फाइनल रिपोर्ट के आधार पर विपिन जेल से बाहर आ गया था बच्ची के स्वजन ने फाइनल रिपोर्ट का विरोध किया था। जिस पर न्यायालय ने आरोपी को एक मई 2014 को नयायालय में तलब किया था। विशेष लोक अभियोजक विमलेश आनंद ने न्यायालय में तर्क दिया कि आरोपित का कृत्य बेहद शर्मनाक है उसे कठोर से कठोर सजा दी जाए वहीं बचाव पक्ष ने तर्क दिया आरोप के पीछे मकान के किराए का विवाद है।इस मामले में विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट नसीमा ने अपने निर्णय कहा कि आरोपी ने छह वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म किया। बच्ची की सगी बहन चश्मदीद गवाह है। विवेचक ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी कहा कि विवेचक ने अपने कर्तव्यों का उल्लंघन किया। विवेचक ने लापरवाही की कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक और पुलिस आयुक्त को विवेचक पर कार्रवाई करने का आदेश दिया, और बच्ची से दुराचार से करने वाले को आजीवन कारावास की सजा सुनाने केसाथ ही 50 हजार रुपए का अर्थदंड से भी दंडित किया है।