प्रतिबन्ध के बावजूद धड़ल्ले से बिक रहा सिंगल यूज प्लास्टिक???

कुरुद:-प्लास्टिक का आविष्कार पहली बार 1907 में हुआ था। दरअसल यह अन्य सामग्रियों की तुलना में सस्ता और अधिक सुविधाजनक था। आज प्लास्टिक हमारे पैसे से लेकर इलेक्ट्रानिक उपकरणों तक लगभग हर चीज में मौजूद है और इसका उपयोग पैकेजिंगमशीनरी और स्वास्थ्य सहित कई क्षेत्रों में किया जाता है।

छत्तीसगढ़ में सिंगल यूज प्लास्टिक के बैन होने के बाद भी धड़ल्ले से इसका उपयोग जारी है, गली मोहल्लों के हर छोटी बड़ी दुकानों में अभी भी डिस्पोजल, चम्मच सहित सिंगल यूज प्लास्टिक का स्टाक जाम है।
गौरतलब है कि पर्यावरण विभाग ने प्लास्टिक स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, पालीस्टाइनिन थर्मोकोल, डिस्पोजल, चम्मच सहित 100 माइक्रान कम मोटाई वाले प्लेट, कप, गिलास, कटलरी, मिठाई के डिब्बों, मिठाई के डिब्बों को लपेटेने वाली झिल्ली पर भी प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को देखते हुए पर्यावरण विभाग ने यह नए नियम जारी किए हैं।

यह है सिंगल यूज प्लास्टिक

जानकारों का कहना है कि प्रदूषण का सबसे बड़ा स्रोत सिंगल यूज प्लास्टिक को माना जाता है। सिंगल यूज प्लास्टिक का मतलब है,एक प्लास्टिक की वस्तु जिसको डिस्पोज या रिसाइकिल से पहले एक काम के लिए एक ही बार उपयोग किया जाता है। पर्यावरण विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली की स्थापना, समन्वय और प्लास्टिक के कचरे को अलग करना, करेक्शन, स्टोरेज, ट्रांसपोर्टेशन, प्रोसेसिंग आदि शामिल हैं।