संभागीय उड़नदस्ता दुर्ग टीम की कार्यवाही..बालोद जिले में मदिरा में मिलावट का प्रकरण कायम..

क्या शराब दुकान के कर्मचारियों को कंपनी में हर महीने पैसा देना पड़ता है इसीलिए चल रहा है मिलावट का खेल.!!

बालोद- देशी/विदेशी कंपोजिट मदिरा दुकान गुरूर का आकस्मिक निरीक्षण करने पर आफ्टर डार्क लक्जरी व्हिस्की के ढक्कन ढीला, होलोग्राम क्षतिग्रस्त एवं लीकेज होना पाए जाने पर दुकान में रखी 10 पेटी आफ्टर डार्क लक्जरी प्व्हिस्की की बोतलों का निरीक्षण कर 12 बोतलों को चिन्हित कर थर्मामीटर एवं हाइड्रोमीटर से जांच करने पर तेजी लगभग 40 यू. पी. होना पाया।

मिलावट का प्रकरण पाए जाने पर दुकान के सभी उपस्थित कर्मचारियों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण कायम कर विवेचना में लिया।
सूत्रों की जानकारी अनुसार शराब दुकान के सुपरवाइजर को हर महीने कंपनी के इंचार्ज को पैसा देना पड़ता है ! जिले के फील्ड आफिसर हर महीने के एक तारिख से पाँच तारिख के बीच जिले के सभी दुकान में जा कर वसूली कर इंचार्ज के पास मोटी रक़म पहुचाया जाता है!! क्या इसीलिए मजबूरी में शराब दुकान के कर्मचारियों को करना पड़ता है मिलावटी का काम !! आबकारी विभाग को कंपनी के ऐसे लोगो के ऊपर सख्त कार्यवाही करना चाहीये लेकिन प्रदेश का आबकारी विभाग मौन है! अब देखना है ऐसे वसुली बाजो का साय सरकार द्वारा कोई कार्यवाही की जाती है कि नही!! शराब दुकान के कर्मचारियों ने नाम ना बताने की शर्त में हमें बताया कि हमारे प्लेसमेंट कंपनी के द्वारा दवाब बनाया जाता है कि हर महीने उनको पैसा चाहीये मजबूरी में हमे गलत कदम उठाना पड़ता है नही तो हमे अपने पेमेन्ट से उसको पैसा देना पड़ता है जिले के इंचार्ज है यही जिले के हर शराब दुकान में हर महीने के 1 तारीख से 5 तारीख के बीच आ कर पैसा लेते है।