प्रतिबंधित होने के बावजूद धार्मिक क्षेत्र में खुलेआम बिक रहे हैं मांसाहारी खाद्य पदार्थ।

सीतापुर/ महर्षि दधीचि की पौराणिक तपोभूमि के नाम से सुविख्यात मिश्रित तीर्थ नगर में प्रति वर्ष फाल्गुन मास में परंपरागत रूप से होने वाले 84 कोसीय धार्मिक होली परिक्रमा मेला आने में जहां चंद दिनों का समय अवशेष है वही इस धार्मिक नगरी में प्रतिबंधित होने के बावजूद भी खुलेआम बिक रहा मांस मंदिरा और अण्डें, प्रशासन पूरी तरह बंद किए हुए हैं आंखें। धर्म परायण लोगों की धार्मिक भावनाओं से खुलेआम हो रहा है खिलवाड़। ज्ञातव्य हो कि उपरोक्त धार्मिक परिक्रमा मेला में देश-विदेश के धर्मावलंबी श्रद्धालु नर नारी तथा संत महंत, मठाधीश पीठाधीश, साधु संन्यासियों के साथ ही नागा साधु भी भारी संख्या में प्रतिभाग करते हैं । जबकि इस स्थल को पर्यटन क्षेत्र के रूप में प्रदेश सरकार द्वारा विकसित किये जाने के कार्य भी आरंभ करा दिए गए हैं बताते चले कि दशकों पहले से यहां मिश्रित नगर पालिका परिषद क्षेत्र में मांस मंदिरा की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित है लेकिन बावजूद इसके प्रशासन की लचर नीतियों के चलते यहां लगने वाली रोजाना बाजारों में खुलेआम बकरा बकरी, मुर्गा मुर्गी का मांस जहां बिकते देखा जा सकता है वही जिंदा और मरी मछलियां भी बिक रही हैं ,गौरतलब हो कि तहसील मुख्यालय के सामने महार्षि दधीचि उद्यान पार्क के समीप, मछरेहटा रोड तिराहा ,परसौली चौराहा, नहर चौराहा, कुतुबनगर रोड के साथ ही कस्बे के अंदर अन्य कई जगहों पर खुलेआम स्टाल लगाकर अण्डे बेचे जा रहे हैं जिससे नगर क्षेत्र में निवास करने वाले और बाहर से आने वाले धर्म परायण लोगों की भावनाएं भी काफी आहत हो रही हैं बावजूद इसके अब तो यहां धार्मिक 84 कोसी परिक्रमा आने में चंद दिनों का समय ही अवशेष बचा है फिर भी संबंधित प्रशासन यहां महार्षि दधीचि की पावन नगरी में बिकने वाले मांसाहारी खाद्य पदार्थों पर नहीं लगा पा रहा है अंकुश? जिसको लेकर यहां परिक्रमा में भाग लेने के लिए भारी संख्या में आने वाले साधु संत महंत आक्रोशित होकर प्रशासन के लिए कहीं गंभीर मुसीबत न खड़ी कर दे यह बात आम लोगों में चर्चा का विषय बनी हुई है। मामले में जब अधिशासी अधिकारी सुरजीत कुमार सिंह से पूछा गया कि अण्डा शाकाहारी है या मांसाहारी तो उन्होंने कहा हमारी समझ में तो अण्डा मांसाहारी ही है जब उनसे यह पूछा गया कि इस धार्मिक क्षेत्र में प्रतिबंधित होने के बावजूद भी मांसाहारी खाद्य पदार्थ खुलेआम क्यों बिक रहे हैं तो उन्होंने कहा कार्यवाही की जाएगी। आपको यह भी बताते चलें कि यहां आने वाले होली परिक्रमा मेला सचिव पद का दायित्व नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी के पास ही परंपरागत रूप से रहता है और मेला अधिकारी पद का दायित्व तहसील के उपजिलाधिकारी के पास होता है उनसे जब उपरोक्त मामले में वर्जन लेने का प्रयास किया गया तो उनका सीयूजी नंबर ही ऑफ मिला और वे तहसील मुख्यालय पर मौजूद भी नहीं थे ।जबकि प्रदेश शासन का स्पष्ट निर्देश है कि जिम्मेदार अधिकारियों का सीयूजी नंबर ऑफ नहीं रहना चाहिए। फिर उप जिलाधिकारी का सीयूजी नंबर कैसे था बंद?